कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर प्रधानमंत्री के आह्वान पर रविवार को देश भर में जनता कर्फ्यू का पालन किया गया। अब तक देश में संक्रमण के 341 मामले सामने आ चुके हैं। इसी बीच सरकार ने एडवाइजरी जारी कर देश के 75 जिलों को लॉकडाउन करने के निर्देश जारी किए हैं। यह सब वह जिले हैं, जहां कोरोनावायरस के केस देखे गए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सभी राज्य सरकारों को इन जिलों में सिर्फ जरूरी सेवाएं जारी रखने के लिए कहा गया है। रेलवे और मेट्रो सेवाओं को 31 मार्च तक रोकने का फैसला किया है। इसके अलावा अंतरराज्यीय बस सेवाओं को भी रोका जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि यह कदम चेन ऑफ ट्रांसमिशन यानी संक्रमण के क्रम को तोड़ने के लिए किया जा रहा है।

उन्होंने आगे कहा, “जरूरी सेवाओं को छोड़कर बाकी सेवाओं को रोकने का फैसला जनता कर्फ्यू को बढ़ाने जैसा ही है। राज्यों को कोरोनावायरस के मामले निर्धारित करने और फैसिलिटीज बढ़ाने की सलाह दी गई है।”

वायरस बेहद खतरनाक, लेकिन हमारी योजना काम आई, अब तक ज्यादा मौतें नहीं
कॉन्फ्रेंस में मौजूद प्रोफेसर भार्गव ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोनावायरस के फैलने के पैटर्न को पहचाना है। कई लोग अमेरिका और ब्रिटेन से लौटे थे और इसलिए उन्हें आइसोलेशन में रखा गया। वायरस हवा में नहीं है, लेकिन यह बेहद संक्रामक है। हमारी योजना काम आई है। देश में ज्यादा मौतें नहीं हुई हैं।

कई लोगों को कोरोनावायरस से संक्रमण का पता भी नहीं चलेगा
डॉक्टर भार्गव ने कहा, “टेस्ट में वायरस 2-14 दिन में पॉजिटिव आ सकता है। वायरस से संक्रमित 80 फीसदी लोगों को सामान्य जुकाम-बुखार होगा और ठीक हो जाएगा। उन्हें पता भी नहीं चलेगा। सिर्फ 20 फीसदी लोगों में गंभीर लक्षण दिखाई देंगे। इनमें से 5 फीसदी को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ेगी। कुछ नई दवाओं को ट्राई किया गया है, लेकिन वे जादू नहीं है।”

कोरोना मरीजों के लिए अलग किए जा रहे अस्पताल, टेस्टिंग की गति काफी तेज
डॉक्टर भार्गव ने बताया कि कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों के लिए अस्पतालों को अलग किया जा रहा है। अब तक करीब 16000-17000 टेस्ट किए गए हैं। अगले हफ्ते तक 50 से 70 हजार टेस्ट किए जाएंगे। दूसरे देशों से टेस्टिंग की गति की तुलना करते हुए उन्होंने बताया कि फ्रांस एक हफ्ते में 10,000 टेस्ट कर पाया, जबकि ब्रिटेन 16,000 और अमेरिका 26,000।

उन्होंने आगे कहा, “अब तक 111 सरकारी लैब्स और 60 प्राइवेट लैब्स हमारे साथ जुड़ी हैं। उनके पास हजारों कलेक्शन सेंटर हैं। अंधाधुंध टेस्टिंग नहीं की जानी चाहिए। तब तक नहीं जब तक लक्षण न दिखाई देने लगें।” उन्होंने जोर देते हुए कहा कि शुरुआत में आइसोलेशन (अलग-थलग) रहना ही सबसे जरूरी होगा।