चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को फटकार लगायी है। अदालत ने कहा है कि चॉपर से देखो हालात कुंभ जितने खतरनाक हैं। अदालत ने मंदिरों और धार्मिक उत्सवों में कोविड-19 के नियमों का पालन सुनिश्चित करने में विफल रहने पर राज्य सरकार की जमकर खिंचाई की।

मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि बद्रीनाथ और केदारनाथ में संबंधित पुजारी कोरोना के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। अदालत ने कहा कि केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिरों के मैंने वीडियो देखे हैं कि पुजारी द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है। भले ही देवता की पूजा की जा रही हो, आप 23 पुजारियों को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दे सकते। इसकी निगरानी के लिए राज्य द्वारा नियुक्त व्यक्ति कौन है?”

मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा कि इस तरह के वीडियो उत्तराखंड राज्य को शर्मसार कर रहे हैं। चार धाम के लिए एसओपी लागू करने के कदमों की जानकारी नहीं देने के लिए भी राज्य सरकार को अदालत ने फटकार लगाई। अदालत ने सरकार से कहा कि पहले आपने कुंभ मेला 2021 की अनुमति दी और अब यह (चारधाम) यात्रा किया जा रहा है। कृपया एक हेलिकॉप्टर ले कर चार धाम की यात्रा करें, केदारनाथ और बद्रीनाथ जाएं वहां क्या हो रहा है पता चल जाएगा।

बताते चलें कि मंगलवार को उत्तराखंड सरकार की तरफ से एक बयान जारी कर चारधाम यात्रा को आम लोगों के लिए स्थगित कर दिया गया था। सरकार की तरफ से पूजा के लिए सिर्फ पुरोहितों को ही इजाजत दी गयी थी। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि कोरोना के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए इस बार चार धाम यात्रा स्थगित की जा रही है। लोग अपने घरों से ही भगवान की पूजा करें।

मुख्यमंत्री ने कहा था कि जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता है। मैं भगवान बदरी विशाल से प्रदेशवासियों की आरोग्यता की कामना करता हूं।तीर्थ पुरोहित सीमित संख्या में मंदिर में भगवान बदरी विशाल की पूजा-अर्चना नियमित रूप से करेंगे।