आज तक पर डिबेट के दौरान एंकर रोहित सरदाना ने कांग्रेस प्रवक्ता से पूछा कि आपकी पार्टी ने देश में 70 में से 50-55 साल सरकार चलाई। तो आपकी सरकारों को किसानों को एमएसपी की गारंटी देने का नेक ख्याल क्यों नहीं आया। आप ने कहा कि कानून में इतनी सारी कमियां हैं संशोधन से काम नहीं चलेगा। कल को आप संविधान को फेंक देंगे क्योंकि उसमें तो 100 से ज्यादा संशोधन हैं। इसके जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कृषि कानूनों को केंद्र सरकार को अपनी नाक की लड़ाई नहीं माननी चाहिए। ये कानून ही खराब है। प्रवक्ता ने कहा कि संविधान में संशोधन कुछ महीनों में नहीं हुए थे। इस पर एंकर ने कहा कि संविधान में संशोधन करने के लिए बंधक बनाने का काम भी नहीं किया गया था।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि किसानों ने किसी को बंधक नहीं बनाया हुआ है। किसान तो दिल्ली आना चाहते थे लेकिन हरियाणा सरकार ने उन पर लाठीचार्ज किया। पानी की बौछार की। आंसू गैसे के गोले छोड़े। किसान जब से प्रदर्शन कर रहे हैं तब से कानून व्यवस्था को चोट पहुंचाने का कोई काम नहीं किया है। जिस पर एंकर ने पूछा कि पंजाब में टावर किन लोगों ने तोड़े।
प्रवक्ता ने कहा कि मैं मानता हूं कि जो लोग हिंसा कर रहे हैं। वे सही नहीं है। मैं पूछना चाहता हूं कि एमएसपी की लीगल गारंटी हो जाएगी तो इससे क्या नुकसान हो जाएगा। क्या किसानों के साथ मिलकर नया कानून नहीं बनाया जा सकता है।
बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई समिति ने सलाह मशविरा करने की शुरुआत की। उन्होंने आठ राज्यों के 10 किसान संगठनों से बातचीत की। मालूम हो कि कोर्ट ने कृषि कानूनों को लागू किए जाने पर रोक लगा दी थी। किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए कोर्ट ने यह फैसला लिया था।
फिलहाल मामले में समाधान के लिए पैनल काम कर रहा है। फिलहाल समिति के तीन सदस्य ही काम कर रहे हैं क्योंकि किसान नेता भूपिंदर सिंह मान ने खुद को इस समिति से बाहर कर लिया था।