हाथरस गैंगरेप और पीड़िता की मौत का मामला अभी शांत नहीं हुआ है। इस मुद्दे पर कथित जातीय हिंसा की साजिश का खुलासा होने के बाद सत्ता और विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर हैं। एक टीवी चैनल पर इसी मुद्दे पर डिबेट कार्यक्रम हो रहा था, जिसमें भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा और कांग्रेस की तरफ से अखिलेश सिंह मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान दोनों नेता बहस में इतने उलझ गए कि एक-दूसरे पर तीखे तंज कसने लगे।
कार्यक्रम के दौरान संबित पात्रा कुछ कहने वाले थे कि तभी अखिलेश सिंह बीच में बोल पड़े और संबित को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया। इस पर पात्रा बिफर गए और अखिलेश सिंह से बोले कि “बताइए, 84 साल के हो गए हैं बाबाजी और ऐसे नर्सरी क्लास के बच्चे की तरह व्यवहार कर रहे हैं! बाबाजी ऐसे मत करिए, बोलने दीजिए।” इस पर अखिलेश सिंह ने भी पलटवार किया और कहा कि “हंसी के पात्र क्यों बनते हो संबित पात्रा।”
दरअसल डिबेट के दौरान हाथरस के मुद्दे पर चर्चा हो रही थी। जिसमें बलरामपुर की घटना पर राजनैतिक पार्टियों की चुप्पी पर भी सवाल खड़ा किया गया। हाथरस की घटना में जातीय हिंसा भड़काने की साजिश रचने का पीएफआई और एसडीपीआई पर आरोप लगा है।
#आर_पार
हँसी के पात्रा न बनो संबित पात्रा: अखिलेश प्रताप सिंह(कांग्रेस) #HathrasHorror #HathrasCase @AMISHDEVGAN pic.twitter.com/RjFH77RWMx— News18 India (@News18India) October 9, 2020
इस पर कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह ने कहा कि राजस्थान की घटना पर वहां के मुख्यमंत्री ने जानकारी दी और यह भी बताया कि क्या कार्रवाई हो रही है लेकिन यूपी के सीएम कई दिन बाद इस पर बोलते हैं और विदेशी ताकतों पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा देते हैं!
वहीं संबित पात्रा ने विपक्षी पार्टियों पर हाथरस के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि उनके नेता बलरामपुर के मुद्दे पर क्यों बात नहीं करते हैं? पात्रा ने राजस्थान में पुजारी को जिंदा जलाने की घटना पर भी कांग्रेस की सरकार को घेरा।