मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने रविवार को कहा कि अगर जनता की आमदनी बढ़ रही है, तो उसे थोड़ी महंगाई भी स्वीकार करनी चाहिए। पेट्रोल-डीजल के दिनों-दिन बढ़ते दामों को लेकर मंत्री ने कहा कि सरकार नागरिकों को हर चीज मुफ्त में नहीं दे सकती।

मंत्री से पूछा गया कि पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों की मार झेल रहे आम आदमी को राहत देने के लिए क्या राज्य सरकार इन पर वैट नहीं घटा सकती? इस पर उन्होंने कहा, कि अब सरकार (नागरिकों को) मुफ्त में हर चीज तो दे नहीं सकती। पेट्रोलियम पदार्थों से सरकार को राजस्व मिलता है। इससे विकास की सरकारी योजनाएं चलती हैं। सिसौदिया ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या देश में कांग्रेस की पिछली सरकारों के कार्यकाल में महंगाई नहीं बढ़ी थी। क्या महंगाई केवल नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में बढ़ी है? महंगाई एक पहिया है जो लगातार घूमता रहता है।

सिसौदिया ने कहा कि आप यह नहीं कह सकते कि आज पेट्रोल-डीजल का भाव वही होना चाहिए जो 10 साल पहले था। भले ही इस अवधि में आपकी तनख्वाह 6 हजार रुपये से बढ़कर 50 हजार रुपये पर पहुंच गई हो। मंत्री ने दावा किया कि गुजरे बरसों में समाज के हर तबके की आमदनी बढ़ी है। उन्होंने कहा, “पहले हमारे घरों में केवल एक मोटरसाइकिल होती थी जोघर के मुखिया के पास रहती थी। आज हमारे घरों में हर व्यक्ति के पास गाड़ी है जिससे पेट्रोल-डीजल की खपत तेजी से बढ़ रही है।

अपनी इस बात के लिए सोशल मीडिया पर वह जमकर ट्रोल हुए। एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा कि 6000 से 1600000 गुना सैलरी सिर्फ BCCI के सचिव की बढ़ी है। मंत्री जी की सरकारी गाड़ी ले ली जाए तब पेट्रोल का कीमत पता चलेगा। सुरेंद्र ने लिखा 135 करोड़ में कितने पेट्रोल रोज खरीदते हैं? देश में दुपहिया और चार पहिया वाहनों की संख्या तो बताइए। यहां तो बिना वाहनवाला भी पेट्रोल को रो रहा है। योगेश चौधरी ने लिखा- यदि एक मंत्री कॉमन मैन है तो आपसे सहमत हो सकता हूं। लेकिन ऐसा नहीं है। आपको शर्म आनी चाहिए।

मायंत्रा के हैंडल से पोस्ट किया गया- आइए अगले चुनाव में इसको हराकर इसकी सैलरी भी जीरो करते है फिर देखते है इसकी इंक्रीमेंट कहां से होती है। आपको शर्म आनी चाहिए और सत्ता से हट जाना चाहिए। आपसे अच्छे तो पहले वाले लोग थे। एक ने लिखा पहले वाले नहीं चाहिए थे इसलिए आपको लाया था। आप तो उनसे भी गए गुजरे निकले। इतना कॉन्फिडेंस आता कहां से है। यार यहां तो एक से एक भरे पड़े हैं।