राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने अपनी पार्टी में बड़े फेरबदल और विपक्षी एकता को लेकर बयान दिया है। उन्होने शनिवार (10 जून) को मीडिया से बात करते हुए कहा कहा कि पार्टी के दो कार्यकारी अध्यक्षों को नियुक्त करने का उनका फैसला यह तय करने के लिए था ताकि पार्टी के पास देशभर के मामलों को देखने के लिए पर्याप्त हाथ मौजूद रहें।
इसके साथ ही उन्होने कहा कि हम 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष को एक करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। पटना में विपक्षी दलों की बैठक में 23 जून को हिस्सा लेने वाले हैं। उन्होने कहा कि पूरे देश में घूमकर विपक्ष को एक करने के लिए प्रयास करेंगे। शरद पवार ने अजित पवार को जिम्मदारी नहीं देने के सवाल पर भी बात की है। अजित पवार ने बयान दिया है कि वह इस नियुक्ति से खुश हैं।
अजित पवार को क्यों नहीं दी ज़िम्मेदारी?
एनसीपी में फेरबदल में भतीजे अजित पवार को कोई नई जिम्मेदारी नहीं दिए जाने पर शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर अजीत पवार के पास पहले से ही जिम्मेदारी है।
शरद पवार ने कहा कि बेटी सुप्रिया सुले और राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल को पार्टी के कार्यकारी अध्यक्षों के पद पर पदोन्नत करना पार्टी के द्वारा बहुत सोच विचार करने के बाद किया गया है।
हालांकि चर्चा यह है कि शरद पवार के इस फैसले को 2019 की उस पटकथा से जोड़ कर देखा जा रहा है जब अजित पवार ने 2019 में भाजपा से हाथ मिला लिया था। शरद पवार ने कहा कि अजीत पवार के पास पहले से ही महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में जिम्मेदारी है। यह पूछे जाने पर कि क्या अजीत पवार फैसले से खुश थे, शरद पवार ने कहा कि अजीत निर्णय लेने वालों में से एक थे।