Haryana Vidhan Sabha Chunav: चुनाव आयोग ने हरियाणा में एक अक्टूबर को एक ही फेज में मतदान की तारीख तय की है। भारतीय जनता पार्टी समेत कुछ क्षेत्रीय पार्टियों ने तारीख को बदलने की मांग की है। बीजेपी और आइएनएलडी इस मांग को लेकर इलेक्शन कमीशन को पत्र भी लिख चुकी है। पार्टियों ने अपने पत्र में छुट्टियों का जिक्र कर वोटिंग की तारीख बदलने की मांग की है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि इलेक्शन कमीशन चुनावी कार्यक्रम में कुछ बदलाव कर सकता है।
बता दें कि ऐसा कोई पहली बार नहीं हो रहा है कि किसी राज्य में चुनाव की तारीखों को बदलने की मांग की जा रही है। इसी साल लोकसभा के इलेक्शन हुए थे और दो राज्यों के इलेक्शन भी हुए थे। इनको देखते हुए दो राज्यों के विधानसभा की डेट में बदलाव किया गया था।
इलेक्शन कमीशन की तरफ से कैसे तैयार किया जाता है कार्यक्रम
अब हम इलेक्शन कमीशन की तरफ से चुनावी कार्यक्रम तय करने की बात करें तो यह अधिसूचना जारी होने की डेट से लेकर चुनावी प्रक्रिया पूरी होने की डेट की सभी तारीखें शामिल होती हैं। इसमें वोटर्स के लिए कार्यक्रम में दो सबसे जरूरी डेट वोटिंग और काउंटिग की होती है।
इलेक्शन कमीशन लोकसभा या राज्य विधानसभा के कार्यकाल समाप्त होने के 6 महीने के अंदर किसी भी समय इलेक्शन की अधिसूचना जारी कर सकता है। यह पूरा प्रावधान जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 14 और 15 में किया गया है। चुनाव की पूरी प्रक्रिया लोकसभा या राज्य विधानसभा के मौजूदा कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही पूरा होना चाहिए।
जब इलेक्शन कमीशन चुनावी कार्यक्रम तय करता है तो वह सिक्योरिटी फोर्स की आवाजाही के लिए उपलब्धता और जरूरतों, ईवीएम और चुनाव अधिकारियों की व्यवस्था के साथ-साथ राष्ट्रीय और स्थानीय त्योहारों का भी खास ख्याल रखता है। अगर एक से ज्यादा राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल एक ही टाइम पर खत्म हो रहा है तो इलेक्शन कमीशन यह देखता है कि यहां पर चुनाव एक साथ ही करवा दिए जाएं। वोटिंग चाहे किसी भी दिन हो, लेकिन काउंटिंग का दिन एक ही तय किया जाता है।
हरियाणा विधानसभा चुनावी की तारीखों में लगातार बदलाव की मांग उठ रही है। राज्य के चुनाव के लिए इलेक्शन कमीशन ने 16 अगस्त को घोषणा की थी। फिलहाल अभी तक सभी 90 सीटों के लिए एक ही फेज में वोटिंग होनी है। चुनावी कार्यक्रम के मुताबिक, इलेक्शन के लिए 5 सितंबर को अधिसूचना जारी होगी। नॉमिनेशन फाइल करने की आखिरी तारीख 12 सितंबर होगी। यहां पर वोटिंग 1 अक्टूबर को होगी। चुनावी नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
बीजेपी और आईएनएलडी ने इलेक्शन कमीशन को लिखा पत्र
जब इलेक्शन कमीशन ने विधानसभा चुनाव की डेट का ऐलान कर दिया तो इसके एक हफ्ते के बाद में बीजेपी और आईएनएलडी ने इलेक्शन कमीशन को पत्र लिखा है और कहा कि तारीख को एक सप्ताह के लिए स्थगति कर दिया जाए। इसके अलावा बिश्नोई समाज महासभा ने भी वोटिंग की डेट में बदलाव की मांग की है।
हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली ने शनिवार को लिखे एक पत्र में कहा कि वोटिंग होने से दो दिन पहले और एक दिन बाद छुट्टी है। ऐसे में लोग 30 सितंबर को लेकर छुट्टी लेकर बाहर जा सकते हैं। सिरसा और फतेहाबाद जिलों के ज्यादातर बिश्नोई परिवारों के भी 2 अक्टूबर को वार्षिक मेले में हिस्सा लेने के लिए वोटिंग के दिन बीकानेर जाने की उम्मीद है। इसकी वजह से वोटिंग के प्रतिशत पर असर पड़ सकता है। अभय सिंह चौटाला ने भी एक सप्ताह के लिए चुनाव स्थगित करने की मांग की है। लोक जनशक्ति पार्टी (Ramvilas) ने भी इसी तरह का आग्रह किया है।
इन राज्यों के चुनावी कार्यक्रमों में हुआ बदलाव
जम्मू-कश्मीर- चुनाव आयोग ने 16 मार्च, 2024 को आम चुनाव की घोषणा की थी। इसके तीसरे फेज के लिए अधिसूचना 12 अप्रैल को जारी की गई थी और वोटिंग की डेट 7 मई तय की गई थी। मौसम संबंधी परेशानियों को देखते हुए राजनीतिक पार्टियों ने जम्मू-कश्मीर की 3 सीटों पर इलेक्शन की डेट बदलने की मांग की थी। इसके बाद तीसरे फेज की डेट को बदल दिया गया था। इसको 25 मई कर दिया गया था।
अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम- इस बार लोकसभा चुनाव के साथ-साथ चार राज्यों के विधानसभा चुनाव भी हुए थे। 16 मार्च 2024 को अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम की विधानसभाओं और लोकसभा के आम चुनावों के कार्यक्रम का ऐलान किया था। कमीशन ने पहले दोनों राज्यों की डेट 19 अप्रैल, 2024 और मतगणना की तारीख 4 जून, 2024 फिक्स की थी।
वहीं दोनों विधानसभाओं का कार्यकाल 2 जून को खत्म होने वाला था। नियमों के मुताबिक, चुनाव आयोग को विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने से पहले करवाने होते हैं। आयोग ने अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम विधानसभाओं के लिए आम चुनाव के कार्यक्रम में बदलाव किया था। काउंटिंग की डेट 4 जून, 2024 थी और इसको बदलकर 2 जून 2024 कर दिया था। पहले 6 जून डेट फिक्स थी लेकिन बाद में इसे बदलकर 2 जून 2024 कर दिया था।
मिजोरम- 3 दिसंबर 2023 को मिजोरम समेत पांच राज्यों में विधानसभाओं के लिए वोटों की काउंटिंग होनी थी। वोटिंग शुरू होने में लगभग 36 घंटे पहले इलेक्शन कमीशन ने तारीख में बदलाव का ऐलान किया। मिजोरम विधानसभा में वोटों की काउंटिंग एक दिन की देरी से की गई थी। इसकी तारीख 4 दिसंबर 2023 कर दी गई थी।
पंजाब- पंजाब में भी 2022 में विधानसभा चुनाव की तारीख 14 फरवरी फिक्स की गई थी। इसके दो दिन बाद रविदास जयंती थी। पंजाब के काफी लोग रविदास जयंती मनाने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जाते हैं। राजनीतिक पार्टियों के काफी आग्रह के बाद में वोटिंग की डेट को बदलकर 20 फरवरी कर दिया गया था।