हरियाणा के राज्यसभा चुनाव के नतीजे गांधी परिवार को गहरा सदमा देने वाले रहे। माना जा रहा था कि अजय माकन वहां आसानी से चुनाव जीत लेंगे। कद्दावर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की नाराजगी से बचने के लिए ही हरियाणा के एक और दिग्गज रणदीप सुरजेवाला को आलाकमान ने राजस्थान से टिकट दिया था। लेकिन हुड्डा के खासा जोर लगाने के बावजूद उनके दो विरोधियों ने माकन को बीच मझधार में डुबो दिया। कुलदीप बिश्नोई ने वही किया जो वो महीनों से कहते आ रहे थे। लेकिन किरण चौधरी से पार्टी नेतृत्व को इस तरह की उम्मीद नहीं थी।

हरियाणा राज्यसभा चुनाव में राज्‍यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव में भाजपा के कृष्‍णलाल पंवार और निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा को जीत मिली है। कार्तिकेय दूसरी सीट के लिए रिकाउंटिंग में जीते। पंवार को 31 वोट मिले और वह पहली सीट के लिए निर्वाचित हुए। कार्तिकेय शर्मा और अजय माकन को 29-29 वोट मिले। लेकिन दूसरी वरीयता के वोट से कार्तिकेय जीत गए। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल ने कहा कि कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस को वोट नहीं दिया। उन्होंने क्रास वोटिंग की है। बंसल ने कुलदीप के खिलाफ कड़े एक्शन के लिए आलाकमान को सिफारिश की है। माना जा रहा है कि बिश्नोई को अब कांग्रेस बाहर का रास्ता दिखाएगी। उनको सीडब्ल्यूसी (विशेष आमंत्रित) की सदस्यता से हटाकर पार्टी से निलंबित किया जाएगा। विधानसभा से सदस्यता रद्द कराने के लिए अध्यक्ष को पत्र भी लिखा जाएगा।

हालांकि, कुलदीप लंबे समय से कांग्रेस नेतृत्व से खफा थे। कांग्रेस ने अप्रैल में हुड्डा के भरोसेमंद उदयभान को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया था। उसके बाद से ही कुलदीप बिश्नोई नाराज थे और कांग्रेस के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी से मुलाकात के बाद ही अपना अगला राजनीतिक निर्णय लूंगा। सूत्रों का कहना है करि कुलदीप सबसे पहले मतदान करने पहुंचने वालों में थे। लेकिन उन्‍होंने अपना वोट वहां तैनात कांग्रेस के अधिकृत एजेंट को नहीं दिखाया। वोट डालने के बाद कुलदीप बिश्‍नोई ने कहा कि उन्‍होंने अंतर आत्‍मा की आवाज पर वोट डाला। उधर, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि किरण चौधरी ने अपना वोट गलत तरीके से डाला। उनका मानना है कि किरण ने ऐसी किसी गलती की वजह से नहीं बल्कि जानबूझकर किया। भूपेंद्र सिंह हुड्डा से उनका भी आंकड़ा 36 का माना जाता रहा है।

कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपना इलेक्शन एजेंट बीबी बतरा को बनाया था जबकि अधिकृत एजेंट विवेक बंसल और राजीव शुक्ला थे। पोलिंग एजेंट आफताब अहमद और अशोक अरोड़ा थे। कांग्रेस विधायकों को वोट डालने के दौरान अधिकृत एजेंट को वोट दिखाना था। अगर कोई विधायक वोट डालता और अधिकृत एजेंट आपत्ति करता और विधायक अधिकृत एजेंट को वोट नहीं दिखाता तो उसका वोट रद माना जाता है। वोट सिर्फ अधिकृत एजेंट को ही दिखाना होता है। किसी दूसरे को वोट दिखाया तो उसे रद माना जाता है।

हुड्डा के धुरविरोधी हैं कुलदीप

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई आदमपुर से कांग्रेस के मौजूदा विधायक हैं। कुलदीप पहले कांग्रेस में हुआ करते थे। लेकिन साल 2007 में उन्होंने हरियाणा जनहित कांग्रेस-भजनलाल नाम की पार्टी बना ली। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा से अदावत के चलते उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया था। 2014 में उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन किया और हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ा। लेकिन चुनाव में उनकी दुष्यंत चौटाला के हाथों हार हो गई थी। 2016 में उन्होंने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया। कुलदीप आदमपुर से विधायक हैं। आदमपुर सीट से कुलदीप विश्नोई 4 बार विधायक रह चुके हैं।

किरण का भी पूर्व सीएम से 36 का आंकड़ा

किरण चौधरी हरियाणा की राजनीति में जाना पहचाना नाम है। किरण के पिता भारतीय सेना में थे। उनके ससुर स्व. बंसीलाल कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं और हरियाणा के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। किरण अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की महासचिव व दिल्ली विधानसभा की डिप्टी स्पीकर भी रह चुकी हैं। अपने पति और पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह के असामयिक निधन के बाद खाली हुई तोशाम सीट पर वो हरियाणा से पहली बार विधायक चुनी गईं। तब उन्होंने रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी।