हरियाणा, हिमाचल, केरल और कर्नाटक ग्रामीण इलाकों में पक्के मकान बनाने में पिछड़ रहे हैं। दरअसल ये चारों राज्य प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत दिए गए लक्ष्यों से काफी पीछे हैं। यह तथ्य हाल ही में जारी केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की ‘राज्य प्रदर्शन रपट 2024-25’ में सामने आए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक महत्त्वपूर्ण योजना है, जिसके तहत ग्रामीण इलाकों में गरीबों को पक्के मकान बनाकर दिए जाते हैं।
केरल की क्या है स्थिति?
रिपोर्ट के मुताबिक 2024-25 में ग्रामीण इलाकों में मकान बनाने में केरल सबसे फिसड्डी राज्य रहा और यहां पर लक्ष्य के 14.68 फीसदी ही मकान बनाए गए। केरल को 2024-25 में 2,32,916 पक्के मकान बनाने थे लेकिन केवल 34,188 ही बन पाए। केरल में वाम मोर्चे की सरकार है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में पक्के घर बनाने के लक्ष्य को पूरा करने की 32 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की सूची में कर्नाटक 31वें स्थान पर रहा। कांग्रेस शासित राज्य को 9,44,140 पक्के घर बनाने का लक्ष्य दिया गया था और केवल 1,49,746 बने यानी 15.86 फीसदी।
कांग्रेस शासित राज्य हिमाचल प्रदेश में भी ग्रामीण क्षेत्र में घर बनाने की रफ्तार सुस्त ही रही। यहां लक्ष्य को करीब 24 फीसदी हासिल किया गया। हिमाचल को 1,21,502 घर बनाने का लक्ष्य दिया गया था और घर बने 29,180। भारतीय जनता पार्टी (BJP) शासित हरियाणा इस सूची में 29वें पायदान पर है। हरियाणा ने 1,06,460 घर बनाने के लक्ष्य में से 28,815 मकान बनाकर 27 फीसदी काम पूरा किया है। मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि जो-जो राज्य और केंद्रशासित प्रदेश लक्ष्य से पीछे चल रहे हैं, उन्हें जल्द से जल्द इसे पूरा करने के लिए कहा गया है।
ये राज्य कर रहे अच्छा प्रदर्शन
लद्दाख और लक्षद्वीप ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में अच्छा प्रदर्शन करते हुए लक्ष्य को 100 फीसदी हासिल किया। इसके बाद तीसरे स्थान पर सिक्किम रहा, जहां 1,399 में से 1,391 बनकर तैयार हुए। सिक्किम ने 99.43 फीसद काम पूरा किया।
चौथे स्थान पर अरुणाचल प्रदेश (99.04 फीसदी), पांचवें पर उत्तराखंड (98.51 फीसदी), छठे पर उत्तर प्रदेश (98.29 फीसदी), सातवें पर त्रिपुरा (97.94 फीसदी), आठवें पर गोवा (93.39 फीसदी), नौवें पर जम्मू-कश्मीर (91.45 फीसदी) और दसवें पायदान पर मिजोरम (83.24 फीसदी) रहा। उत्तर प्रदेश को 36,85,704 घर बनाने का लक्ष्य मिला था जिसमें से 36,22,842 मकान पूरे किए गए।