हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में प्राइवेट सेक्टर की 75 फीसदी नौकरियां आरक्षित करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही हरियाणा, आंध्रप्रदेश के बाद देश का दूसरा राज्य बन गया है जिसने प्राइवेट सेक्टर में जॉब के लिए कानून बनाया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने विधेयक को मंजूरी दे दी है। सरकार जल्द ही इसे अधिसूचित करेगी। वहीं कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया इंडस्ट्री ने राज्य सरकार से फिर से विचार करने की अपील की है।
राज्य सरकार की तरफ से पिछले साल नवंबर महीने में इस बिल को विधानसभा में पास करवाया गया था। सभी तरह की कंपनियां, सोसाइटीज, ट्रस्ट्रस, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप फर्म्स और कोई भी व्यक्ति जो 10 से ज्यादा लोगों को रोजगार देता है वो इस कानून के अंतर्गत आएंगे। कानून को लेकर राज्य सरकार की तरफ से समय-समय पर नोटिफिकेशन भी जारी किया जाएगा।
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया इंडस्ट्री ने राज्य सरकार से नए कानून पर पुनर्विचार करने की अपील की है। CII ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि राज्य सरकार इस पर विचार करेगी। सीआईआई के महानिदेशक ने कहा कि ऐसे समय में जब राज्य स्तर पर निवेश आकर्षित करना महत्वपूर्ण है हरियाणा सरकार को ऐसे कानूनों से बचना चाहिए था।
चुनाव में किया था वादा: राज्य सरकार में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जननायक जनता पार्टी ने चुनाव के समय राज्य के युवाओं से इस कानून के लिए वादा किया था। इसके अंतर्गत 50 हजार रुपये से कम सैलरी वाली प्राइवेट नौकरी में 75 % कोटा लागू किया जाएगा। दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि बहुत खुशी के साथ आप सबसे साझा कर रहा हूं कि महामहिम राज्यपाल की अनुमति के बाद, The Haryana State Employment of Local Candidate Act 2020 आज से पूरे राज्य मे लागू हो गया।
कानून के अनुसार नियोक्ता की क्या है परिभाषा?: सरकार के नए कानून के अनुसार कंपनी एक्ट 2013 या हरियाणा रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन ऑफ सोसाइटी एक्ट 2012 या लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप एक्ट 2008 के अधीन आने वाले फर्म्स इसके अंतर्गत आएंगे।
कौन उठा सकते हैं लाभ: इसके तहत जिन उम्मीदवारों के पास हरियाणा की डोमिसाइल होगी उन्हें स्थानीय कहा जाएगा और उन्हें आरक्षण का लाभ मिलेगा।डोमिसाइल होने के लिए जरूरी है कि व्यक्ति का जन्म हरियाणा राज्य में हुआ हो या फिर वो 15 साल से हरियाणा में रह रहा हो।