Nayab Singh Saini Seats: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर मंगलवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने लाडवा से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। सैनी का नामांकन भरवाने के लिए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल भी पहुंचे। नामांकन के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी की लहर है। इसके विपरीत सवाल यह उठ रहा है कि आखिर जब लहर है तो पार्टी ने उनकी सीट क्यों बदल दी। एक बात और कि हर बार उन्हीं की सीट क्यों बदलती रही है। 15 साल में सैनी ने पांच चुनाव लड़े, लेकिन चार बार उन्हें अलग-अलग सीट से चुनाव लड़ना पड़ा। आइए, समझते हैं सैनी का सियासी गणित।

सैनी ने विधानसभा का पहला चुनाव 2009 में लड़ा था

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की इस बार भी सीट बदल दी गई। करनाल के निवर्तमान विधायक सैनी को बीजेपी ने लाडवा से चुनावी मैदान में उतारा है। सैनी ने विधानसभा का पहला चुनाव 2009 में लड़ा था और तब से अब तक वे तीन सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। नायब सिंह सैनी कुरुक्षेत्र से सांसद भी रह चुके हैं। नायब सिंह सैनी के राजनीतिक जीवन का यह पांचवां चुनाव है और चौथी सीट है।

जानकार बताते हैं कि सैनी की सियासी शुरुआत अच्छी नहीं रही थी। वर्ष 2009 में सैनी ने नारायणगढ़ से पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार मिली थी। उन्हें महज आठ हजार 82 मत मिले थे। तब महज 39 साल के सैनी पांचवें स्थान पर रहे थे। कांग्रेस के राम कृष्ण ने जीत हासिल की। बावजूद इसके बीजेपी का नायब पर भरोसा बना रहा।

हार के बावजूद बीजेपी 2014 में फिर से उन्हें नारायणगढ़ से ही टिकट दे दिया। सैनी बीजेपी की उम्मीदों पर खरे उतरे। पांच साल में उनका वोट 31 फीसद बढ़ गया। 55 हजार 931 वोट हासिल कर वे नारायणगढ़ के विधायक बने। इस जीत से बीजेपी में उनका कद बढ़ गया और मनोहर लाल की सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया। सैनी को इसके बाद लोकसभा का चुनाव लड़ाया गया। बीजेपी ने 2019 में उन्हें कुरुक्षेत्र से प्रत्याशी बनाया। सैनी को यहां पर 6 लाख 88 हजार 629 वोट मिले। उन्होंने कांग्रेस के निर्मल सिंह को हराया। सैनी ने तीन लाख से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की।

कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी की सियासी जिंदगी में सबसे अहम दौर 2023 में आया। जब सैनी को हरियाणा बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया। साल बदला और सैनी ने सफलता की नई कहानी लिखी। 12 मार्च, 2024 को बीजेपी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया। सांसद सैनी अब मुख्यमंत्री बन चुके थे। मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उन्हें छह माह के अंदर विधायक बनना था। इसके लिए पार्टी ने उन्हें मनोहर लाल के गढ़ कहे जाने वाले करनाल से लड़ाया। इस सीट पर सैनी को जीत दर्ज करने में मुश्किल नहीं हुई।

इस तरह वह एक बार फिर विधायक बने

दिलचस्प यह है कि सैनी ने इस बार करनाल से चुनाव लड़ने का दावा किया था, लेकिन उन्हें लाडवा से टिकट मिल गया। हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने कहा था कि नायब सिंह सैनी लाडवा से चुनाव लड़ेंगे। लेकिन सैनी ने बड़ौली के बयान को भी नकार दिया था। सैनी ने कटाक्ष वाले लहजे में कहा था कि प्रदेश अध्यक्ष को मुझसे ज्यादा जानकारी है। खैर, सैनी के सामने अब नई चुनौती है। सैनी को पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरना है। इस बार उनके कंधों पर भाजपा को लगातार तीसरी बार सत्ता दिलाने की जिम्मेदारी भी है।