Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच संभावित टक्कर में एक सीट सोनीपत सीट पर भी है, जहां से कांग्रेस ने जेल में बंद विधायक सुरेंद्र पंवार को टिकट दिया है, उन्हें ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने गिरफ्तार किया था। विधायक की गैरमौजूदगी में चुनाव प्रचार की पूरी जिम्मेदारी उनकी बहू समीक्षा पंवार संभाल रही है और जमकर अपने ससुर के लिए समर्थन मांग रही हैं।
सोनीपत के मौजूदा विधायक सुरेंद्र पंवार का मुकाबला बीजेपी के प्रत्याशी निखिल मदान से है, जो कि मेयर हैं और विधायक के तौर पर प्रमोशन की उम्मीद लगा रहे हैं। निखिल मदान कांग्रेस में थे और इस साल जुलाई में ही बीजेपी में शामिल हो गए थे, कुछ दिन पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरियाणा और राजस्थान में कथित मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध खनन के मामले में पंवार को गिरफ्तार किया था।
ईडी ने छापेमारी के बाद किया था गिरफ्तार
सुरेंद्र पंवार पहली बार जनवरी में ईडी के रडार पर आए थे, जब यमुनानगर, सोनीपत और हरियाणा के अन्य जिलों में अवैध खनन से संबंधित चल रही जांच के तहत उनके परिसरों पर छापेमारी की गई थी। पंवार के आवास पर तलाशी के दौरान ईडी ने कई “अपराधी दस्तावेज” जब्त करने का दावा किया, जो कथित तौर पर अवैध खनन कार्यों की ओर इशारा करते हैं।
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वैसे तो उनकी गैरमौजूदगी में सुरेंद्र पंवार के पिता दिलीप सिंह पवार, पत्नी सुनीता, बेटा ललित भी चुनाव प्रचार कर रहे हैं लेकिन प्रचार के सेंटर में उनकी 33 साल की बहू समीक्षा पंवार हैं। अपनी सार्वजनिक रैलियों और घर-घर जाकर सभाओं में समीक्षा मतदाताओं से अपने ससुर के लिए “न्याय” सुनिश्चित करने की अपील कर रही हैं।
समीक्षा पंवार ने बताया – न्याय की लड़ाई
सोनीपत के देव नगर इलाके में गुरुवार को एक ऐसी ही सड़क किनारे हुई बैठक में समीक्षा ने अपील की कि आज एक बेटी को न्याय की लड़ाई लड़ने के लिए चुनावी मैदान में उतरना पड़ा। यह कोई भाजपा बनाम कांग्रेस की लड़ाई नहीं है, यह न्याय की लड़ाई है। इस लड़ाई में मैं पिछले दो महीनों से आप लोगों से संपर्क कर रही हूं और मुझे पूरा भरोसा है कि सोनीपत के लोग 5 अक्टूबर को सच्चाई और न्याय का साथ देंगे… मैं यहां बड़ी उम्मीदों के साथ आई हूं।
इंजीनियरिंग से ग्रेजुएट समीक्षा ने लोगों को आश्वासन दिया कि यदि उनके ससुर और कांग्रेस 8 अक्टूबर को चुनाव जीतते हैं तो वे मंत्री बनेंगे। मंच पर मौजूद एक पार्टी नेता ने दावा किया कि पंवार को झूठे मामले में फंसाया गया है और उन्होंने पंवार को एक शरीफ व्यक्ति बताया। इस चुनाव के महत्व के बारे में पूछे जाने पर समीक्षा ने इसकी तुलना एक सबसे बड़ी परीक्षा से की है। सोनीपत हरियाणा के व्यापक कांग्रेसी गढ़ के तौर पर जाना जाता है, जिसमें सोनीपत, रोहतक, झज्जर और नूह जिले शामिल हैं।
पिछले दो चुनाव के क्या रहे नतीजे
साल 2019 के विधानसभा चुनाव में सुरेंद्र पंवार ने 59.51% वोट पाकर सोनीपत सीट जीती थी। बीजेपी की कविता जैन 34.88% वोट मिले थे। 2014 के विधानसभा चुनाव में कविता जैन ने 45.80% वोट पाकर सीट जीती थी, जबकि कांग्रेस के देव राज दीवान को 25% वोट मिले थे। उस समय पंवार इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के साथ थे और उन्हें 24% वोट मिले थे।