हरियाणा में लगातार तीसरी बार बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई है। इस ऐतिहासिक जीत ने सभी को हैरान कर दिया है। बीजेपी इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को दे रही है। हालांकि एक और शख्स की नतीजों के बाद से चर्चा हो रही है। हरियाणा के लिए बीजेपी की रणनीति तय करने में धर्मेंद्र प्रधान का भी अहम योगदान रहा। बीजेपी ने इस बार प्रधान को बड़ी जिम्मेदारी दी थी। वह पिछले कई सप्ताह से हरियाणा में कैंप कर रहे थे।

एक महीने तक किया कैंप

पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक धर्मेन्द्र प्रधान को जब हरियाणा की जिम्मेदारी दी गई तो वह हरियाणा में चुनाव पूरा होने तक हिले नहीं। पंचकूला से लेकर रोहतक और कुरुक्षेत्र में उन्होंने कैंप लगाया। वह लगातार नेताओं से फीडबैक ले रहे थे। स्थानीय नेताओं के मुद्दों को केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचाने का काम किया। वह कार्यकर्ताओं के हर छोटे से छोटे मुद्दों को दूर करने की कोशिश कर रहे थे। जब टिकट बंटवारे को लेकर कुछ नेता पार्टी से नाराज हुए तो प्रधान ने ही उन्हें मनाने की कोशिश की।

कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए वह लगातार छोटी-छोटी बैठकें कर रहे थे। एक समय ऐसा भी था जब पार्टी के करीब 25 नेता बागी हो गए। ऐसे में पार्टी के सामने चुनाव से पहले बड़ा संकट खड़ा हो गया। धर्नेंद्र प्रधान ने सभी से एक-एक कर बातचीत की। वह करीब 25 नेताओं को मनाने में सफल भी रहे। इतना ही नहीं, प्रधान की टीम ने 25 सीटों पर टिकट बदले थे, उनमें से 16 उम्मीदवार जीते। ऐसे में पार्टी का टिकट बदलने का फैसला भी काम कर गया।

ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी किया था कमाल

धर्मेंद्र प्रधान पिछले कुछ समय में बीजेपी के बड़े रणनीतिकार के तौर पर सामने उभर कर आए हैं। सबसे पहले पार्टी ने उन्हें 2017 में उत्तराखंड की जिम्मेदारी सौंपी थी। तब पार्टी को चुनाव में रिकॉर्ड सीटों पर जीत मिली। इसके बाद 2021 में हुए पश्चिम बंगाल के लोकसभा चुनाव में धर्मेन्द्र प्रधान को नंदीग्राम की जिम्मेदारी दी गई थी। इस बार ममता बनर्जी खुद चुनाव हार गईं। इसके बाद 2022 में उन्हें यूपी की कमान मिली। इस चुनाव में भी बीजेपी रिकॉर्ड जीत के साथ सत्ता में दोबारा लौटकर आई। हाल में हुए ओडिशा चुनाव में भी धर्मेंद्र प्रधान को को बड़ी जिम्मेदारी। ओडिशा में पहली बार बीजेपी की सरकार बनी है।