Haryana Assembly Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर कांग्रेस पार्टी इस बार कोई भी कोताही बरतने के मूड में नहीं नजर आ रही है। दस साल की सत्ता विरोधी लहर को भुनाने से लेकर किसानों और पहलवानों का मुद्दा उठाकर कांग्रेस ने अपने पक्ष में हवा बनाने की खूब कोशिशें की है। दूसरी ओर चुनावी प्लानिंग को लेकर कांग्रेस पार्टी ने आज हरियाणा के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक की नियुक्ति की है। इसमें राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के अलावा अजय माकन और प्रताप सिंह बाजवा को अहम जिम्मेदारी दी गई है।

दरअसल, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की ओर से एक प्रेस विज्ञाप्ति जारी की गई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तत्काल प्रभाव से अशोक गहलोत, अजय माकन और प्रताप बाजवा को सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया है। बता दें कि इससे पहले अशोक गहलोत को लोकसभा चुनाव में भी अहम जिम्मेदारी दी गई थी। उन्हें अमेठी लोकसभा क्षेत्र के लिए विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। यहां कांग्रेस नेता किशोरी लाल शर्मा ने स्मृति ईरानी को हराकर एक बड़ा उलटफेर किया था।

‘ज्ञानवापी ही साक्षात विश्वनाथ हैं’, सीएम योगी बोले- दुर्भाग्य से लोग उसे मस्जिद कह रहे हैं

अशोक गहलोत के अलावा इन नेताओं को दी जिम्मेदारी

अशोक गहलोत के अलावा राज्यसभा सांसद अजय माकन का जिक्र करें तो उन्हें छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने पर्यवेक्षक बनाया गया था। प्रताप सिंह बाजवा को हिमाचल प्रदेश चुनाव के दौरान वहां का पर्यवेक्षक बनाया गया था। प्रताप सिंह बाजवा हरियाणा विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष भी हैं, जिसके चलते उनकी अहमियत इन चुनाव में बेहद ज्यादा है।

आंतरिक टकराव को कंट्रोल करना भी है चैलेंज

इसकी वजह यह है कि इन पर्यवेक्षकों को न केवल चुनावी कैंपेन का ध्यान रखना है, बल्कि पार्टी में आंतरिक स्तर पर टकराव के कयासों और हवाओं को भी शांत करना है। इसकी वजह यह है कि पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के बीच टकराव की आए दिन आती खबरें हैं।

गौरतलब है कि हरियाणा में नामांकन पूरा हो चुका है और यहां 16 सितंबर को नामांकन वापस लेने की तारीख है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा फिर से चुनाव के मैदान में हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि कांग्रेस 10 साल से सत्ता में दूर है इसलिए पार्टी चुनाव की तैयारियों में किसी तरह की कमी नहीं छोड़ना चाहती है।