हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने तैयारियां तेज कर दी हैं। पार्टी की ओर से राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए नई रणनीतियों पर मंथन किया जा रहा है। इसी के चलते मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सीट में भी बदलाव की संभावना है। माना जा रहा है कि पार्टी के नेता ओपी धनखड़ भी सुरक्षित सीट देख रहे हैं। इसके साथ ही अगर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने हरी झंडी दी तो प्रदेश में पार्टी के अधिकतर दिग्गज विधानसभा चुनाव में ताल ठोंकते नजर आएंगे।

कुछ केंद्रीय मंत्री, राज्यसभा सदस्य और पूर्व सांसद भी मैदान में उतरेंगे

दरअसल, बीजेपी की प्रदेश चुनाव समिति की दो दिन चली बैठक में यह आम सहमति बनी है कि राज्य में तीसरी बार पार्टी की सरकार बनाने और कांग्रेस को सत्ता में आने से रोकने के लिए पार्टी के प्रमुख नेताओं का विधानसभा चुनाव लड़ना जरूरी है। अगर इस पर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की मुहर लगी तो कुछ केंद्रीय मंत्री, राज्यसभा सदस्य, वर्तमान सांसद और पूर्व सांसद भी चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।

करनाल में पंजाबी समुदाय के प्रत्याशी को दिया जाएगा टिकट

इसी बीच, यह चर्चा भी जोर पकड़ रही है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सीट में बदलाव हो सकता है। मुख्यमंत्री सैनी अभी करनाल विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बने हैं। मगर, करनाल में पंजाबी समुदाय के प्रत्याशी की तलाश और कुछ अंदरूनी विरोध के चलते सैनी के लिए सुरक्षित सीट देखी जा रही है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री सैनी इस बार लाडवा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। चर्चा यह भी है कि बीजेपी नेता ओपी धनखड़ भी अपने लिए सुरक्षित सीट देख रहे हैं। इस बार वह बादली सीट की बजाय बहादुरगढ़ से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं।

बीजेपी की प्रदेश चुनाव समिति ने विधानसभा सीटें चुनने का फैसला प्रमुख नेताओं पर ही छोड़ दिया है। इसी साल लोकसभा चुनाव हारे अरविंद शर्मा, मोहन लाल बड़ौली, अशोक तंवर और सुनीता दुग्गल को भी विधानसभा चुनाव लड़ाने की संस्तुति प्रदेश चुनाव समिति ने की है। जबकि, अंबाला लोकसभा सीट से चुनाव हारीं बंतो कटारिया विधानसभा चुनाव लड़ने के मूड में नहीं हैं। पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा, ओमप्रकाश धनखड़, कैप्टन अभिमन्यु, राव नरबीर, विपुल गोयल, कृष्ण कुमार बेदी, कविता जैन और मनीष ग्रोवर के भी विधानसभा चुनाव लड़ने की सिफारिश की गई है।

प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की टिकटों को लेकर कहा जा रहा है कि 12 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां से पैनल में सिर्फ एक-एक नाम तय किया गया है और 12 ही सीटें ऐसी हैं जहां से दो-दो नाम अंतिम पैनल में गए हैं। बाकी की 56 सीट पर तीन से पांच नामों का पैनल भेजा गया है। जानकारी ये भी है कि बीजेपी की पहली लिस्ट में 24 नामों की घोषणा हो सकती है और बाकी 56 सीट पर मंथन करने के बाद ही नामों का एलान किया जाएगा।

कई राज्यसभा सांसद भी चुनाव लड़ने की कतार में

बीजेपी में यदि कोई नेता अपनी विधानसभा सीट बदलना चाहता है तो उसे केंद्रीय नेतृत्व से कारण बताकर अनुमति प्राप्त करनी होगी। पार्टी के राज्यसभा सदस्य सुभाष बराला, रामचंद्र जांगड़ा और कृष्ण लाल पंवार को भी विधानसभा चुनाव लड़ने का इशारा किया गया है। पूर्व सांसद संजय भाटिया भी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। राज्यसभा सदस्यों को कहा गया है कि वे पसंद की सीट चिह्नित कर लें। इसके अलावा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल में शामिल अधिकतर मौजूदा मंत्री भी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।

विधानसभा चुनाव के एलान के बाद बीजेपी टिकटों के बंटवारे को लेकर लगातार मंथन कर रही है, लेकिन उसके सामने मुश्किल यह है कि राज्य में दिग्गज नेता अपने बेटे-बेटियों या अन्य रिश्तेदारों के लिए टिकट मांग रहे हैं। ऐसे में टिकटों का बंटवारा करना निश्चित रूप से बीजेपी के लिए मुश्किल साबित हो रहा है।