महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनावों के नतीजों पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ से चुप्पी रही। कांग्रेस ने साल 2014 की तुलना में हरियाणा के साथ ही महाराष्ट्र में भी बेहतर प्रदर्शन किया। हालांकि, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से दोनों ही राज्यों में चुनाव प्रचार को लेकर जोश थोड़ा कम ही दिखाई दिया था।
इसके बावजूद पार्टी का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहा। चुनाव परिणाम के बाद राहुल की चुप्पी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आधी रात तक भी राहुल गांधी की तरफ कोई टिप्पणी नहीं आई। वहीं राहुल ने इसको लेकर कोई ट्वीट भी नहीं किया। वहीं, कांग्रे्स महासचिव प्रियंका गांधी ने रायबरेली में मोर्चा संभालते हुए पार्टी की जीत पर खुशी जताई। प्रियंका ने कहा कि वह हरियाणा में पार्टी के प्रदर्शन से वास्तव में बहुत खुश हैं।
उन्होंने कहा कि यूपी उपचुनाव में लोकसभा चुनाव की तुलना में पार्टी के वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है। प्रियंका ने कहा कि इससे कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा। वहीं, वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि हरियाणा के नतीजे पार्टी के लिए एक संदेश हैं कि भाजपा से मुकाबला किया जा सकता है।
कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य आनंद शर्मा ने कहा कि हुड्डा ने हमें फिर से मुकाबला करने के लिए प्रेरित किया है। संगठनात्मक बदलाव बहुत पहले हो जाने चाहिए थे। आत्ममंथन के बाद मैं यह कह सकता हूं कि यदि यह बदलाव पहले हुए होते तो हमें हरियाणा में स्पष्ट बहुमत मिला होता।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इंटरव्यू में इसी तरह की बातें कहीं। कमलनाथ ने कहा कि पार्टी ने हरियाणा चुनाव में पूरी तरह से मुकाबले में नहीं होने के बावजूद अपनी सीटों की संख्या में दोगुनी बढ़ोतरी की। इसका पूरा श्रेय भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जाता है।