समरसता और पंथनिरपेक्षता को भारतीय समाज का आधार बताते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि आतंकवाद और कट्टरवाद को परास्त करने का सबसे मजबूत हथियार पंथनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद है । हमें इस लोकतांत्रिक विरासत की रक्षा करनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने इंडिया अगेंस्ट टेररिज्म के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि भारत में समरसता, पंथनिरपेक्षता का चोली-दामन का साथ है। हमें इस लोकतांत्रिक विरासत की रक्षा करनी चाहिए और इसे समाज की तरक्की, भाईचारे, एकता का हथियार बना कर देश में बिखराव-टकराव पैदा करने वाली ताकतों के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहिए।

नकवी ने कहा कि आतंकवाद को किसी भी धर्म से जोड़ना गलत है। आतंकवाद को किसी धर्म विशेष से जोड़ने से आतंकवादी अपनी चाल में कामयाब हो जाएंगे। हमें इस बात का ध्यान रखना होगा और सचेत रहना होगा कि आतंकवादियों, चरमपंथियों के समाज में विभाजन की साजिश को एकता और सौहार्द की ताकत से परास्त करना है। उन्होंने कहा- सेक्युलरिज्म का सियासी शोषण और कम्युनलिज्म का सियासी शगूफा बंद होना चाहिए और हमें देश की शानदार सांस्कृतिक विरासत और संवैधानिक मूल्यों की मजबूत राह पर चलना होगा जिससे कि देश के सेक्युलर और संवैधानिक स्वरूप को सुरक्षित रखा जा सके।

नकवी ने कहा कि चुनिंदा धर्मनिरपेक्षता भारत के पंथनिरपेक्ष लोकतांत्रिक स्वभाव के लिए एक बड़ी समस्या है। धर्मनिरपेक्षता को समाज को जोड़ने और सौहार्द का हथियार बनाने के बजाय हमारे सेक्युलरिज्म के कुछ सियासी सूरमाओं ने इसे सियासी शोषण का हथियार बना लिया है जिसके चलते पंथनिरपेक्षता की मूल संवैधानिक आत्मा आहत हुई है। उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के साथ-साथ महान पंथनिरपेक्ष राष्ट्र होने का गौरव हासिल है। विभिन्न मजहबों, भाषा, वेशभूषा और क्षेत्रीय सभ्यता के बावजूद हमारा देश और लोग धार्मिक फतवों, संदेशों से नहीं, संवैधानिक मूल्यों और सिद्धांतों से चलते हैं।

नकवी ने कहा कि आतंकवाद और कट्टरवाद के खिलाफ लड़ाई में युवाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। युवाओं को आतंकी समूहों के शैतानी मंसूबों से खुद भी सतर्क रहना होगा और मानवता के दुश्मन आतंकी समूहों के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर समाज में जागरूकता जगानी होगी। नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाई है जिससे आतंकवादी और उनके आका हताश-निराश हैं। इन हताश-निराश ताकतों की कायराना कोशिश मुल्क की एकता की ताकत से नाकाम की जा सकती है।