हरिद्वार के सप्त ऋषि आश्रम के गायत्री हवन कुंड की विभूति से महाशिवरात्रि के दिन पाकिस्तान के कटास राज महादेव मंदिर में महादेव का विशेष अभिषेक किया जाएगा। श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा (पंजाब) नई दिल्ली की ओर से 140 शिव भक्तों का एक जत्था रवाना हुआ है। श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा देशबंधु ने बताया कि पाकिस्तान स्थित कटास राज महादेव मंदिर में सभा के नेतृत्व में तीर्थ यात्रियों का जत्था महाशिवरात्रि के दिन हरिद्वार के सप्त ऋषि आश्रम के हवन कुंड की महाशिवरात्रि के दिन भस्म आरती करेगा।
सप्त ऋषि आश्रम हरिद्वार के हवन कुंड से शिव भक्तों ने पवित्र पावन एक किलो विभूति एकत्र की और उसे अपने साथ लेकर पंजाब के लिए रवाना हुए। इसके अलावा बिल्व पत्र, पीतल का त्रिशूल, डमरु, हर की पैड़ी हरिद्वार के ब्रह्मकुड का गंगाजल, भांग, मौली, रोली, चंदन, 700 दीपक सहित पूजा की अन्य सामग्री लेकर शिव भक्त पाकिस्तान के लिए रवाना हुए। महाशिवरात्रि की रात्रि को पाकिस्तान के कटास राज महादेव मंदिर और वहां स्थित सरोवर के बाहर दीपक जलाए जाएंगे।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में स्थित है कटास राज महादेव मंदिर
श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा (पंजाब) नई दिल्ली 1982 से पाकिस्तान के कटास राज महादेव मंदिर की यात्रा महाशिवरात्रि के दिन हिंदुस्तान में रह रहे हिंदू शिव भक्तों को कराती है। दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण होने पर यह यात्रा कई बार स्थगित भी हुई है। सभा की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और सप्त ऋषि आश्रम हरिद्वार के मुख्य प्रशासक पंडित इंद्र मोहन गोस्वामी बताते हैं कि पाकिस्तान में स्थित कटास राज महादेव मंदिर स्वयंभू शिवलिंग है। यह मंदिर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में स्थित है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार जब सती ने हरिद्वार के कनखल में अपने पति का अपमान होने पर राजा दक्ष के यज्ञ का विध्वंस कर दिया था और यज्ञकुंड में कूद कर अपने प्राणों की आहुति दे दी थी और उसके बाद भगवान शिव उनके शव को लेकर पृथ्वी लोक में विचरण कर रहे थे तब भगवान शिव की आंखों से जो आंसू टपके थे। उनकी आंखों से टपकी एक बूंद पाकिस्तान स्थित कटास राज और दूसरी बूंद भारत की पुष्कर में गिरी थीं और भगवान शिव की आंखों से निकली बूंद से इन दोनों स्थानों में अलग-अलग अमृतकुंडों की स्थापना हुई।
1000 साल पहले कटाक्ष राज मंदिर का हुआ था जीणोद्धार
महाभारत काल में पांडवों ने कटास राज की पहाड़ियों पर अज्ञातवास काटा था। और कटास राज महादेव मंदिर परिसर में स्थित इसी अमृत कुंड में युधिष्ठिर- यक्ष संवाद हुआ था। 1000 साल पहले कटाक्ष राज महादेव मंदिर का जीणोद्धार कराया गया था। कटास राज महादेव मंदिर को जाने वाले शिव भक्त बेहद उत्साहित दिखाई दिए। इस तरह पाकिस्तान स्थित कटास राज महादेव मंदिर भारत से जाने वाले भक्तों की हर हर महादेव की गूंजों से गूंजायमान हो उठेगा।