गुजरात में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राज्य में कांग्रेस के लिए उसके अपने ही नेता चुनौती बने हुए हैं। बता दें कि गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने पार्टी पर अपनी उपेक्षा का आरोप लगाया है। हार्दिक पटेल ने कहा है कि पार्टी में उनकी हालत उस नए दूल्हे जैसी हो गई है, जिसकी नसबंदी करा दी गई हो।

हार्दिक के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि वो पार्टी से नाराज हैं और आगे कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं। वहीं उनके अगले कदम को लेकर पार्टी में ही अलग-अलग राय है। कुछ कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि हार्दिक पटेल आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। वहीं गुजरात कांग्रेस में हार्दिक की नाराजगी चर्चा का विषय बनी हुई है।

इस बीच गुजरात के एआईसीसी प्रभारी रघु शर्मा ने गुरुवार को राहुल गांधी से मुलाकात की। कहा जा रहा है कि उन्होंने हार्दिक की नाखुशी और नरेश पटेल के प्रवेश के मुद्दे पर भी चर्चा की। गौरतलब है कि पाटीदार समुदाय के संगठन खोडालधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष और प्रभावशाली पाटीदार नेता नरेश पटेल को लेकर हार्दिक चाहते हैं कि कांग्रेस जल्द फैसला ले।

दरअसल नरेश पटेल को पाटीदार समुदाय का बड़ा नेता माना जाता है। उनका कद हार्दिक पटेल से कहीं बड़ा माना जाता है। ऐसे में साफ है कि अगर नरेश पटेल कांग्रेस में आते हैं तो उनके सियासी कद को नुकसान हो सकता है। गौरतलब है कि नरेश लेउआ पटेल हैं, गुजरात में इनकी अच्छी खासी आबादी है। सौराष्ट्र की 35 से अधिक सीटों पर उनका प्रभाव है।

हार्दिक के अगले कदम पर कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि हार्दिक का आप में प्रवेश मुश्किल है क्योंकि उनके और आप के गुजरात अध्यक्ष गोपाल इटालिया के बीच रिश्ते सहज नहीं हैं। हालांकि गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले अगर हार्दिक पटेल पार्टी से बाहर जाते हैं तो ये कांग्रेस के लिए एक झटके के तौर पर होगा।

दरअसल इससे पहले कई हाई-प्रोफाइल युवा नेताओं हाल ही में पार्टी का दामन छोड़ा है और संयोग से ये लगभग सभी राहुल के करीबी माने जाते हैं। इनमें आरपीएन सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद का भी नाम अहम है। ये सभी राहुल गांधी की टीम के खास सदस्यों में से एक माने जाते थे। इसके अलावा ललितेश त्रिपाठी, अदिति सिंह, इमरान मसूद, अमरिंदर सिंह का नाम शामिल है।

बता दें कि ख़ुद राहुल गांधी ने एक युवा पाटीदार नेता के तौर पर हार्दिक पटेल को कांग्रेस जॉइन करवाई थी। कांग्रेस ने पटेल को साल 2020 में कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया था। वहीं हार्दिक पटेल इससे पहले भी पार्टी में अहम भूमिका न मिलने पर कई बार नाराज देखे गये हैं।