उत्तराखंड के हल्द्वानी के जिस जगह पर हिंसा हुई थी वहां अभी भी तनाव है। लोग सहमे हुए हैं। हर तरफ दहशत का माहौल है। यहां टेंशन देखी और महसूस की जा सकती है। कुल मिलाकर अभी यहं के हालात नॉर्मल नहीं हुए हैं। जिस हिंसा ने 6 लोगों की जिंदगियां लील ली हों, जहां कई के खून बहे हों, जहां लोगों ने अपनों को अचानक खो दिया वहां के हालात इतनी जल्दी सामान्य हो भी नहीं सकते। जख्मों को भरने में कितना समय लगता है इसका अंदाजा हल्द्वानी के बनभूलपुरा को देखकर लगाया जा सकता है।

एक सप्ताह से धारा 144 लागू

इलाके में एक हफ्ते से धारा 144 लागू है। हर तरफ सन्नाटा फैला है। लोग घरों से बाहर निकलने में हिचकिचा रहे हैं। इसी बीच 8 फरवरी को गोली लगने से एक शख्स की मंगलवार को मौत हो गई। माहौल और गमगीन हो गया। लोग हिंसा के दर्द के भूला नहीं पा रहे हैं। मौके पर पुलिस फोर्स तैनाता है। जिस शख्स की मंगलवार को मौत हुई उसका नाम मोहम्मद इसरार है। वह 50 साल का था। सुशीला तिवारी अस्पताल में उसका इलाज चला मगर उसे बचाया नहीं जा सका। उसके जाने के साथ ही घरवालों की वह उम्मीद टूट गई। वे आस लगाए बैठे थे कि वह बच जाएगा। पुलिस अभी भी यहां घर-घर तलाशी ले रही है।

24 घंटे के अंदर पुलिस चौकी तैनात

दरअसल, बनभूलपुरा में जिस जमीन से अतिक्रमण हटाया गया था वहां हिसां के बाद सीएम पुष्कर सिंह ने एक पुलिस चौकी खोलने का ऐलान किया था। इसके बाद 24 घंटे के भीतर ही वहां चौकी खोल दी गई है। चौकी का उद्घाटन दो महिला पुलिसकर्मियों ने किया है। यहां एक हेड कांस्टेबल, 4 कांस्टेबल और पीएसी तैनात किए गए हैं। मदरसा हटाने के बाद ही यहां हिंसा भड़की थी।

मंगलवार को इसरार की मौत हो गई। फिलहाल उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। इसरार भीड़ और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़प में घायल हो गया था। इसरार की मौत के साथ ही हिंसा में मरने वालों की संख्या 6 हो गई है। वहीं मामले में अब तक 36 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

हिंसा में नगर निगम की संपत्ति को काफी नुकसान हुआ था। नगर निगम ने मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक को नोटिस जारी किया है कि वह नुकसान की भरपाई करे। नगर निगर में आरोपी को 15 फरवरी तक 2.45 करोड़ रुपए भरने को कहा है। अगर वह रकम अदा नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।