Illegal Indian Immigrants: अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों का एक बैच अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। अमेरिका से डिपोर्ट किए जाने के कुछ घंटों के बाद लुधियाना पुलिस ने रविवार को मेहरबान के सासराली कॉलोनी के रहने वाले गुरविंदर सिंह को 2021 के स्नैचिंग मामले में उसके खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट के तहत गिरफ्तार कर लिया।
वह शनिवार को दूसरे बैच का हिस्सा था। लुधियाना वापस आते ही उसे स्थानीय पुलिस ने मेहरबान को थाने में वेरिफिकेशन के लिए हिरासत में लिया। पुलिस ने बताया कि उसका पहले भी आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। इतना ही नहीं पुलिस ने बताया कि पंजाब पुलिस के एक अधिकारी के बेटे गुरविंदर पर पहले भी कथित तौर पर झपटमारी और चोरी के लिए दो एफआईआर दर्ज की गई थीं।
जमालपुर थाने के एसएसओ इंस्पेक्टर कुलबीर सिंह ने बताया कि जांच के दौरान यह पता चला कि 2021 के स्नैचिंग मामले में कोर्ट की सुनवाई से गैरहाजिर रहने पर स्थानीय कोर्ट ने गुरविंदर के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। इंस्पेक्टर ने बताया, ‘उसे गिरफ्तार कर लिया गया है और सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।’ मेहरबान पुलिस स्टेशन के एसएचओ इंस्पेक्टर गुरप्रीत सिंह ने कहा, ‘गुरविंदर पर कथित स्नैचिंग और चोरी के लिए दो एफआईआर दर्ज की गई थीं। उसे 2022 में जमानत मिल गई, लेकिन वेरिफिकेशन के दौरान पता चला कि उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट पेंडिंग थे।’
दोनों केस में मेरे पति को मिल गई थी जमानत- हरदीप कौर
इंडियन एक्सप्रेस से गुरविंदर की पत्नी ने बातचीत की। इसमें हरदीप कौर ने बताया, ‘मेरे पति पर 2021 और 2022 में झूठे पुलिस केस दर्ज किए गए, क्योंकि वह खालिस्तान समर्थक पार्टी शिरोमणि अकाली दल (Amritsar) के सदस्य थे। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल (Amritsar) के प्रमुख सिमरनजीत सिंह मान का समर्थन किया था। बाद में उन्हें दोनों मामलों में जमानत मिल गई।’
ts: लाखों रुपये कर्ज लेकर गए थे अमेरिका
तीन एजेंटों के जरिये अमेरिकी बॉर्डर पर पहुंचा गुरविंदर
अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरने के बाद में अधिकारियों को दिए गए बयान के मुताबिक, गुरविंदर ने बताया कि वह बठिंडा, दिल्ली और दुबई में मौजूद तीन एजेंटों के जरिये अमेरिकी बॉर्डर पर पहुंचा था। उसने उन्हें 45 लाख रुपये दिए थे। गुरविंदर की पत्नी हरदीप ने बताया कि अक्टूबर 2024 में घर से निकलने के बाद, गुरविंदर पहले गुयाना में उतरे और आखिरकार 25 जनवरी को मैक्सिको-अमेरिका बॉर्डर पार कर गए।
इसके बाद अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। मेरे पति का अपने पिता और बड़े भाई से विवाद था। वह एक कारोबार शुरू करना चाहते थे। जब उन्होंने अपना हिस्सा मांगा, तो मेरे ससुर ने 45 लाख रुपये का कर्ज लिया। फिर एक स्थानीय एजेंट ने हमें बठिंडा में रहने वाले अपने सहयोगी के पास भेजा, जिसने वादा किया था कि मेरे पति कुछ ही दिनों में अमेरिका पहुंच जाएंगे।
जोखिम उठाने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं था- गुरविंदर की पत्नी
हरदीप ने आगे बताया कि वह तीन महीने से ज्यादा वक्त के बाद में बॉर्डर पर पहुंचे। जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पदभार संभाल रहे थे तब तक मेरे पति रास्ते में ही थे। एजेंट ने पैसे वापस देने से साफ मना कर दिया। इसी वजह से हमारे पास में जोखिम उठाने के अलावा दूसरा कोई भी ऑप्शन नहीं था।
हरदीप ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जब हमने एजेंट से सवाल किया कि अगर ट्रंप अप्रवासियों को वापस भेजना शुरू कर देते हैं तो क्या होगा। इस पर एजेंट की तरफ से कहा गया कि फिक्र करने की कोई भी बात नहीं है। एजेंट ने कहा कि इससे पहले भी ट्रंप के पिछले राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान चीजें हमेशा की तरह चलती थीं। हमें कभी नहीं पता था कि ट्रंप अप्रवासियों के खिलाफ इतना कड़ा रुख अख्तियार करेंगे। हमें नहीं पता अब आगे क्या होने वाला है। हथकड़ियों के साथ भारतीयों की हुई वतन वापसी पढ़ें पूरी खबर…