Gurugram Land Deal Case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा और उनकी संस्थाओं से जुड़ी 37.64 करोड़ रुपये की 43 अचल संपत्तियों को कुर्क किया है। साथ ही उनके और 10 अन्य के खिलाफ अभियोजन शिकायत या आरोप पत्र भी दायर किया है।
मामले से जुड़े अधिकारियों ने ANI को बताया कि ये संपत्तियां वाड्रा और स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड सहित उनकी संस्थाओं की हैं। गुरुग्राम पुलिस द्वारा 1 सितंबर, 2018 को दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर चल रही जांच के हिस्से के रूप में 16 जुलाई, 2025 को अंतिम कुर्की आदेश जारी किया गया था।
रॉबर्ट वाड्रा के ऑफिस की तरफ से क्या कहा गया?
वहीं, रॉबर्ट वाड्रा के ऑफिस की तरफ से कहा गया है, ‘रॉबर्ट वाड्रा को उन रिपोर्टों की जानकारी है जिनमें कहा गया है कि प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के राउज़ एवेन्यू न्यायालय में उन्हें अभियुक्त बनाते हुए अभियोजन शिकायत दर्ज कराई है। चूंकि न्यायालय ने अभी तक इस मामले का संज्ञान नहीं लिया है, इसलिए वाड्रा को अभियोजन शिकायत की जांच करने का अवसर नहीं मिला है। एक कानून का पालन करने वाले भारतीय नागरिक के रूप में वाड्रा ने हमेशा अधिकारियों को अपना पूरा सहयोग दिया है और आगे भी देते रहेंगे और उन्हें विश्वास है कि अंत में सच्चाई सामने आएगी और वे सभी इससे बरी हो जाएंगे। वर्तमान कार्यवाही वाड्रा के विरुद्ध वर्तमान सरकार द्वारा की जा रही राजनीतिक साजिश का ही एक विस्तार मात्र है। वाड्रा अपना बचाव करने और न्यायालय में अपना दोषमुक्त होने के अवसर का इंतज़ार कर रहे हैं।’
यह मामला 12 फरवरी, 2008 को वाड्रा की फर्म द्वारा ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड से गुरुग्राम के सेक्टर 83 के शिकोहपुर गांव में 3.53 एकड़ जमीन की कथित धोखाधड़ी से खरीद से संबंधित है।
अधिकारियों का आरोप है कि भूमि को झूठी घोषणाओं के माध्यम से अधिग्रहित किया गया था और बाद में वाड्रा के व्यक्तिगत प्रभाव का उपयोग करके वाणिज्यिक लाइसेंस प्राप्त किया गया था।
संबंधित घटनाक्रम में ईडी ने गुरुवार को नई दिल्ली में राउज एवेन्यू कोर्ट के समक्ष 11 व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ अभियोजन शिकायत भी दायर की, जिसमें रॉबर्ट वाड्रा, स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड, सत्यानंद याजी, केवल सिंह विर्क और उनकी कंपनी ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि अदालत ने अभी तक अभियोजन पक्ष की शिकायत पर संज्ञान नहीं लिया है।
रॉबर्ट वाड्रा पर क्या हैं आरोप
रॉबर्ट वाड्रा पर आरोप हैं कि उनसे जुड़ी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 7.5 करोड़ रुपये में 3.5 एकड़ जमीन खरीदी थी। इस सौदे का म्यूटेशन भी असामान्य तरीके से कर दिया गया। आरोप है कि हरियाणा के तत्कालीन भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने इस जमीन में से 2.70 एकड़ जमीन को कमर्शियल कॉलोनी के तौर पर डेवलप करने की इजाजत देते हुए रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को इसका लाइसेंस दिया था। आवासीय परियोजना का लाइसेंस मिलने के बाद जमीन की कीमत बढ़ गई। इसके बाद में वाड्रा से जुड़ी कंपनी ने कंपनी ने ये जमीन DLF को 58 करोड़ में बेच दी। आगे चलकर हुड्डा सरकार ने आवासीय परियोजना का लाइसेंस DLF को ट्रांसफर कर दिया। आरोप है कि इस पूरी डील में कई अनियिमताएं थीं। हरियाणा पुलिस ने 2018 में इस सौदे से जुड़े मामले में केस दर्ज किया। जिसके बाद ईडी ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच अपने हाथ में ली।
चर्चित IAS अशोक खेमका ने किया था खुलासा
चर्चित IAS अशोक खेमका ने राबर्ट वाड्रा से जुड़े जमीन मामने का खुलासा किया था। दिसंबर 2023 में ईडी ने इस मामले में UAE स्थित व्यवसायी सीसी थंपी और ब्रिटेन के हथियार डीलर संजय भंडारी के रिश्तेदार सुमित चड्ढा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में वाड्रा और उनकी पत्नी प्रियंका गांधी का नाम आरोपी के तौर पर नहीं है, लेकिन उनकी भूमि खरीद-बिक्री का विवरण शामिल है।
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ईडी ने कहा था कि वाड्रा से कथित तौर पर जुड़े थंपी ने 2005 से 2008 के बीच दिल्ली-एनसीआर स्थित रियल एस्टेट एजेंट एचएल पाहवा के जरिए हरियाणा के फरीदाबाद के अमीरपुर गांव में लगभग 486 एकड़ जमीन खरीदी थी।
आरोप पत्र के मुताबिक, रॉबर्ट वाड्रा ने 2005-2006 में एचएल पाहवा से अमीरपुर में 334 कनाल (40.08 एकड़) जमीन के तीन टुकड़े खरीदे और दिसंबर 2010 में उसी जमीन को एचएल पाहवा को बेच दिया। ईडी के अनुसार, रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अप्रैल 2006 में एचएल पाहवा से हरियाणा के फरीदाबाद जिले के अमीरपुर गांव में 40 कनाल (05 एकड़) कृषि भूमि खरीदी और फरवरी 2010 में उसी जमीन को एचएल पाहवा को बेच दी।