गुरुग्राम जिला कोर्ट ने रयान इंटरनेशनल स्कूल में हुए प्रद्युम्न हत्याकांड मामले में आरोपी बनाए गए कंडक्टर अशोक कुमार को 50 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी है। कोर्ट में सीबीआई ने इस मामले में अशोक के खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं किया था, जिसके बाद आज कोर्ट ने कहा कि यह जिंदगी और मौत का विषय है, इसलिए अशोक कुमार को 50 हजार के मुचलके पर जमानत देने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही कोर्ट ने अशोक कुमार को इस केस में सीबीआई की मदद करने का भी निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि अगर वह शहर छोड़कर कहीं जाता है तो पहले पुलिस को जानकारी देनी होगी।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अशोक कुमार के वकील अनिल शर्मा ने बताया कि संविधान की अनुच्छेद 21 के तहत अशोक को बेल दी गई है। अनिल ने कहा है, ‘सीबीआई और हरियाणा पुलिस के परिणामों में काफी अंतर है।’ वहीं प्रद्युम्न के पिता का कहना है कि मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि कुछ ऑडियो टेप है 11वीं कक्षा के आरोपी छात्र के परिवार और कंडक्टर के बीच की बातचीत का। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि पहले इस मामले में सीबीआई को पूरी तरह से पड़ताल करने देना चाहिए, हम परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। प्रद्युम्न के पिता की ओर से वकील सुशील टेकरीवाल ने कहा है, ‘जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक प्रद्युम्न के पिता लड़ते रहेंगे। हरियाणा पुलिस ने अशली गुनहगार को बचाने की कोशिश की थी और इस केस में ढिलाई बरती थी।’ वहीं बस कंडक्टर अशोक के पिता बेल मिलने से काफी खुश हैं।
#PradyumanMurderCase: Gurugram District Court judge observed that CBI did not submit any evidence against conductor Ashok. Court exonerated Ashok saying it's a matter of life and death so allow the bail with a bond of Rs 50,000.
— ANI (@ANI) November 21, 2017
बता दें कि सीबीआई ने सोमवार को गुरुग्राम कोर्ट में कहा था कि उनके पास बस कंडक्टर अशोक कुमार के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। इसके साथ ही यह भी बताया था कि फॉरेंसिक डिपार्टमेंट की डीएनए रिपोर्ट में भी यह सामने आया है कि 7 साल के प्रद्युम्न के मर्डर में अशोक का हाथ नहीं था। दरअसल रिपोर्ट में सामने आया है कि घटनास्थल के पास मिले खून के डीएनए से अशोक के खून का डीएनए मैच नहीं करता है।