गुजरात में कांग्रेस को अपना किला दरकता दिखाई दे रहा है। दरअसल मार्च माह से लेकर अब तक पार्टी के आठ विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। अब जब राज्यसभा चुनाव नजदीक हैं, तो कांग्रेस नींद से जागी है और उसने अपने बाकी 65 विधायकों को अलग अलग जगह के रिजॉर्ट में ठहराया है। इसके साथ ही पार्टी ने इन विधायकों की जिम्मेदारी पार्टी के बड़े नेताओं को सौंपी है। राज्य के उत्तर जोन के 21 विधायकों को पार्टी ने अंबाजी रिजॉर्ट में ठहराया है।

इस मुद्दे पर कांग्रेस ने सत्ताधारी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि राज्यसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा विधायकों की खरीद-फरोख्त में जुट गई है। वहीं भाजपा का कहना है कि कांग्रेस विधायक अपने नेतृत्व से खुश नहीं हैं और इसी के चलते पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं।

गुजरात में 19 जून को राज्यसभा चुनाव होने हैं। इन चुनावों के लिए कांग्रेस ने दो सीटों पर शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं भाजपा ने अभय भारद्वाज, रमीलाबेन और नरहरी अमीन को अपना उम्मीदवार बनाया है। विधायकों के इस्तीफे के चलते कांग्रेस के लिए राज्य में दो सीटें जीतना भी मुश्किल हो गया है। वहीं भाजपा के खाते में तीन सीटें जाती दिखाई दे रही हैं।

 

गुजरात विधानसभा में अब कुल 172 सदस्य हैं और 10 सीटें खाली हैं। राज्य की चार सीटों पर राज्यसभा चुनाव होने हैं। फिलहाल तीन सीटें भाजपा और एक सीट कांग्रेस के खाते में है। अब आगामी चुनाव के लिए भाजपा की तरफ से तीन और कांग्रेस की तरफ से दो उम्मीदवारों ने पर्चा भरा है। अभी तक स्थिति ये थी कि दोनों पार्टियों के खाते में दो दो सीट जा रहीं थी लेकिन अब आठ विधायकों के इस्तीफे के बाद बीजेपी के तीन सीटों पर जीतने की संभावना बढ़ गई है, जबकि कांग्रेस को केवल एक सीट से ही संतोष करना पड़ सकता है।

नियमों के अनुसार, एक सीट पर जीत के लिए 37 विधायकों के वोट की जरुरत है। इस तरह कांग्रेस को दो सीटों पर जीत के लिए कुल 74 वोटों की दरकार होगी। वहीं भाजपा के पास 103 विधायक हैं। गुजरात में दो सीटें भारतीय ट्राइबल पार्टी और एक सीट एनसीपी और एक निर्दलीय के पास है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस की नजर इन सीटों पर टिकी हुई हैं और इन्हें अपने पाले में करने की कोशिशें की जा रही हैं।