गुजरात के राजकोट में लगी भीषण आग लगने वाली घटना को गुजरात हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। इस मामले पर कल यानी सोमवार 26 मई को सुनवाई होनी है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने कहा है कि ये प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि मानव निर्मित आपदा है।
गुजरात पुलिस की एसआईटी टीम हादसे में मारे गए लोगों की पहचान डीएनए के जरिए कर रही है। जिसके लिए नमूने एकत्र किए जा रहे हैं। इसके लिए मृतकों के साथ ही परिवार या रिश्तेदारों के डीएनए को भी एकत्र किया है।
इस मामले में एसआईटी के अधिकारियों ने बताया कि गर्मी की छुट्टियों का आनंद लेने के लिए लोग गेम जोन गए थे। उसी दौरान लगी भयानक आग के चपेट में आने से 4 बच्चों समेत 27 लोगों की मौत हो गई। इस मामले में गेम जोन के मालिक और मैनेजर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं रविवार सुबह में ही राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल घटनास्थल पर पहुंचे। इसके बाद वो हादसे में घायल लोगों से मिलने अस्पताल भी गए।
72 घंटे में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश
वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री ने एसआईटी को 72 घंटे के भीतर ही रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। घटना के कुछ देर बाद ही राज्य के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी शनिवार देर रात राजकोट स्थित घटना स्थल पर पहुंचे। जहां उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को अवगत करा दिया गया है। पीएम ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
सुभाष त्रिवेदी कर रहे हैं एसआईटी को लीड
एसआईटी का नेतृत्व करने वाले अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुभाष त्रिवेदी ने बैठक से पहले शनिवार रात पत्रकारों से कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए तुरंत जांच शुरू की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न दोहराई जाए।
मृतकों के परिजनों 4 लाख की सहायता राशि
हालांकि अभी तक इस हादसे का सही कारण नहीं चल पाया है। इस हादसे को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बात कर बचाव और राहत प्रयासों के बारे में जानकारी ली। जबकि मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये और प्रत्येक घायल को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।