कोरोना वायरस का संक्रमण अब भी खत्म नहीं हुआ है। दूसरी लहर जब अपने चरम पर थी तब पूर देश में संक्रमण के मामले और मौतों के आंकड़े तेजी से बढ़े थे। गुजरात में भी ऐसा ही हुआ था, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने कोरोना से मरने वालों के सही आंकड़े छिपाने की कोशिश की। इस बात का खुलासा एक स्टडी में हुआ है।
‘द टेलीग्राफ’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक स्टडी में दावा किया गया है कि गुजरात में कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा छिपाया गया है। शोधकर्ताओं ने गुरुवार को जारी एक स्टडी में कहा कि गुजरात की 162 नगर पालिकाओं में से 54 के आंकड़े पूरे राज्य की आधिकारिक कोविड -19 मृत्यु संख्या से कहीं ज्यादा है। स्टडी में दावा किया गया है कि अप्रैल 2021 में गुजरात में उम्मीद से 480 प्रतिशत ज्यादा मौतें हुए हैं।
यह दुनिया में कहीं भी एक महीने में दर्ज की गई मौतों में सबसे अधिक प्रतिशत वृद्धि है। अप्रैल 2020 में इक्वाडोर में कोविड से होने वाली मौतों पर 411 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली थी। वहीं अप्रैल 2021 में पेरू में 345 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। यह इन दोनों से भी ज्यादा है।
इस दौरान अप्रैल महीने की शुरुआत में राज्य के दैनिक नए मामले 2,400 से छह गुना बढ़कर महीने के अंत में लगभग 14,000 हो गए थे। शोधकर्ताओं ने डेटा नागरिक मृत्यु रजिस्टर से लिया है। उनके मुताबिक मार्च 2020 और अप्रैल 2021 के बीच 54 नगर पालिकाओं में लगभग 16,000 अतिरिक्त मौतें हुईं हैं।
भारत का स्वास्थ्य मंत्रालय, कोविड -19 मृत्यु दर के आंकड़ों के लिए राज्यों पर निर्भर है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार तक गुजरात में 10,080 मौतें हुई हैं। वहीं पूरे देश में अबतक 436,000 मौतें हुई हैं।
दूसरी लहर के दौरान मौतों में तेज से वृद्धि हुई थी। मार्च 2020 के बाद से 54 नगर पालिकाओं में कुल 44,568 मौतें दर्ज की गई हैं। यह जनवरी 2019 और फरवरी 2020 के बीच बेसलाइन काउंट की तुलना में लगभग 16,000 अधिक मौतों हैं।
जनवरी और अप्रैल 2021 के बीच, रजिस्टर में 17,882 मौतें हुई हैं, जो 2019 और 2020 में समान महीनों के औसत से 102 प्रतिशत अधिक है।