लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक के बाद एक झटके मिल रहे हैं। ताजा झटका गुजरात से मिला है। राज्य के आदिवासी बहुल क्षेत्र में पूर्व राज्यसभा सांसद और छोटा उदेपुर से पांच बार के लोकसभा सांसद नाराण राठवा और उनके बेटे युवा कांग्रेस नेता संग्रामसिंह राठवा ने पार्टी छोड़ दी। मंगलवार को गांधीनगर में दोनों नेता बीजेपी में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि फैसला पार्टी में “निर्णय लेने की कमी से हतोत्साहित” होने की वजह से लिया गया है।
दोनों नेताओं ने लगाया आरोप- पार्टी खोती जा रही है आधार
संग्रामसिंह ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “कांग्रेस के साथ मुख्य मुद्दा यह है कि वह हार का सामना करने के बाद पार्टी का पुनर्निर्माण करने में असमर्थ रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कोई निर्णय लेने और प्रयास करने की क्षमता नहीं है… राहुल गांधी देश भर में न्याय यात्रा पर हैं, लेकिन पार्टी के भीतर कोई न्याय नहीं है। पार्टी के शिक्षित युवाओं को कोई जिम्मेदारी नहीं दी जा रही है…कांग्रेस के पास एक मजबूत युवा आधार था, लेकिन पार्टी की ओर से कोई प्रेरक समर्थन नहीं है।”
‘भारी मन’ से लिया कांग्रेस पार्टी से अलग होने का फैसला
कांग्रेस छोड़ने का निर्णय “भारी मन” से लिया गया है कहते हुए संग्रामसिंह ने कहा, “जिस पार्टी से कोई इतने सालों से जुड़ा हो उसे छोड़ने का निर्णय लेना आसान नहीं है, लेकिन कोई दूसरा रास्ता नहीं है… साल दर साल पार्टी टूटती जा रही है और अधिक असंगठित होती जा रही है। 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन की तुलना में गलत ढंग से टिकट वितरण और जीपीसीसी (गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी) के मजबूत नेताओं को दूसरे राज्यों में भेजने से निराशाजनक आंकड़े में कमी की है… वे नैतिक रूप से कैडर को तोड़ रहे हैं। ”
संग्रामसिंह ने कहा कि राम मंदिर उद्घाटन में शामिल न होने का कांग्रेस का फैसला उसके “खराब निर्णय लेने के क्षमता” को दिखाता है। उन्होंने कहा, “हम जन नेता हैं और पार्टी को यह समझना चाहिए कि बड़ी भावना उनके अहंकार से ऊपर है… जब उन्हें राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का निमंत्रण मिला, तो उन्हें इसका सम्मान करना चाहिए था क्योंकि यह कांग्रेस ही थी जिसने सबसे पहले बाबरी मस्जिद के ताले तोड़े थे। लेकिन कांग्रेस ऐसे क्षणों को भुनाने में विफल रही है।”
नाराण राठवा 1989 से 1998 तक लगातार चार बार कांग्रेस के निर्वाचित लोकसभा सांसद रहे हैं। 1999 में वह भाजपा के रामसिंह राठवा से हार गए, लेकिन 2004 के लोकसभा चुनाव में जीतकर लौटे। नाराण राठवा ने इस साल फरवरी में कांग्रेस सांसद के रूप में अपना राज्यसभा कार्यकाल भी पूरा किया।
कांग्रेस के युवा नेता के रूप में शुरुआत करने वाले संग्रामसिंह राठवा छोटा उदेपुर नगर पालिका के अध्यक्ष के साथ-साथ गुजरात युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। वह छोटा उदेपुर की कृषि उपज बाजार समिति के निदेशक और बड़ौदा डेयरी के निदेशक भी हैं। वह भारतीय युवा कांग्रेस के पूर्व महासचिव भी हैं।