हार्दिक पटेल और कांग्रेस के बीच मतभेद खत्म होने का नाम नहीं ला रहा है। बता दें कि सोमवार को हार्दिक पटेल ने अपने ट्विटर अकाउंट के बायो से पार्टी का नाम हटा दिया। हार्दिक की तरफ से ऐसा किया जाना उनके किसी बड़े कदम का संकेत माना जा रहा है। बता दें कि बीते दिनों हार्दिक पटेल ने भाजपा के कार्यों की सराहना भी की थी। वहीं अब उन्होंने अपने ट्विटर बायो से कांग्रेस का नाम हटा दिया है।
बता दें कि हार्दिक पटेल गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। लेकिन बीते कुछ दिनों से उनके और पार्टी के बीच मतभेद की खबरें आ रही हैं। वहीं अब हार्दिक पटेल ने सोमवार को पार्टी से बाहर होने की अटकलों के बीच अपने ट्विटर, व्हाट्सएप और टेलीग्राम के बायो से कांग्रेस का नाम हटा दिया है।
इसके अलावा हार्दिक पटेल ने भगवा शॉल पहने हुए अपनी प्रोफाइल फोटो भी बदल दी। ट्विटर बायो पर हार्दिक ने लिखा है, “गौरव करने वाला भारतीय देशभक्त। सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता। एक बेहतर भारत के लिए प्रतिबद्ध।”
बता दें कि हार्दिक पटेल द्वारा भाजपा की प्रशंसा किये जाने को लेकर कांग्रेस असहज स्थिति में थी। हालांकि भाजपा में शामिल होने के सवाल पर पटेल ने कहा था कि उनकी ऐसी कोई योजना नहीं है।
गौरतलब है कि गुजरात में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में हार्दिक पटेल की नाराजगी कांग्रेस के लिए ठीक नहीं है। पटेल कांग्रेस के राज्य नेतृत्व से कई मौकों पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते रहे हैं। वो गुजरात में पार्टी की कार्यप्रणाली से खुश नजर नहीं आ रहे।
इसी साल अप्रैल में हार्दिक पटेल का एक बयान काफी चर्चा में रहा था। उन्होंने कहा था कि पार्टी में मेरी स्थिति एक नवविवाहित दूल्हे जैसी है, जिसकी शादी के ठीक बाद नसबंदी करा दी गई है। हार्दिक पटेल वैसे तो गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं लेकिन उन्होंने कहा था कि मुझे पीसीसी की किसी भी बैठक में नहीं बुलाया जाता। कोई भी निर्णय लेने से पहले वे मुझसे सलाह नहीं लेते हैं, तो इस पद का क्या मतलब है?
