इस साल दिसंबर में गुजरात विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। वहीं चुनाव से पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी गुजरात में चुनावी गठबंधन के लिए नए दल की तलाश शुरू कर दी है।

गुजरात चुनाव में ओवैसी के लिए गठबंधन इसलिए भी जरुरी हो गया है क्योंकि अब एआईएमआईएम और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के बीच मौजूदा गठबंधन लगभग खत्म नजर आ रहा है। बता दें कि बीटीपी ने पिछले साल नर्मदा और भरुच जिला पंचायतों के चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन तोड़कर एआईएमआईएम से गठजोड़ किया था। बीटीपी का भरूच और नर्मदा जिलों में प्रभाव देखा जाता है।

हालांकि इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर बीटीपी के प्रमुख महेश वसावा ने हाल ही में दिल्ली में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। माना जा रहा है कि दोनों के बीच गुजरात चुनाव में गठबंधन को लेकर बात हुई। ऐसे में ओवैसी अब दूसरे सहयोगी की तलाश कर रहे हैं।

एआईएमआईएम के एक सूत्र के अनुसार, गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए, बीटीपी आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन पर नजर गड़ाए हुए है। एआईएमआईएम ने भी गुजरात में नए सहयोगियों की तलाश शुरू कर दी है। ओवैसी की पार्टी ने मुस्लिम बहुल इलाकों में अपना आधार बढ़ाने पर जोर लगाना शुरू कर दिया है।

वहीं बीटीपी और आप के तालमेल को लेकर ओवैसी ने कहा है, “हर पार्टी को अपनी इच्छा के अनुसार काम करने का अधिकार है। हम किसी को किसी और से जुड़ने से नहीं रोक सकते और ना ही वो हमें रोक सकते हैं। हम संभावित गठबंधन की भी तलाश कर रहे हैं।”

एक अनुमान के मुताबिक वर्तमान में एआईएमआईएम के पास गुजरात में लगभग 20,000 कार्यकर्ता हैं। वहीं राज्य के एक दर्जन से अधिक जिलों में जहां मुस्लिम आबादी का प्रतिशत अधिक हैं, वहां AIMIM का वोट आधार भी माना जा रहा है।