गुजरात ने आधिकारिक तौर पर यह माना है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण राज्य में 10,000 और मौतें हुई हैं। राज्य में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा अब तक 10,098 था, जो सुधार के बाद बढ़कर 19,964 हो गया है। इससे पूरे देश में कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा दो फीसदी बढ़ गया है। भारत में अभी तक कोविड-19 से मरने वालों की कुल संख्या 4.85 लाख हो गई है।

गुजरात में अब तक कोरोना से मरने वालों की कुल संख्या 10,098 थी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार ने बताया कि 50 हजार रुपए के मुआवजे के लिए 34,678 आवेदन मिले थे, जिसमें से सरकार ने 19,964 आवेदनों को वैध मानते हुए उन्हें मुआवजे की राशि वितरित की है।

गुजरात सरकार पर पहले भी कोरोना से हुईं मौतों का आंकड़ा कम करके बताने का आरोप लगता है। हालांकि, राज्य की भाजपा सरकार विपक्ष के इन आरोपों को खारिज करती रही है।

दो जजों की बेंच ने कोरोना वायरस के कारण हुई मौतों में मुआवजे के भुगतान में देरी को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान गुजरात सरकार ने कहा कि वह ऑल इंडिया रेडियो और स्थानीय रेडियो स्टेशनों को माध्यम के रूप में इस्तेमाल कर रही है। इस पर अदालत ने कहा, “रेडियो कौन सुनता है।”

अदालत ने कहा, “स्थानीय समाचार पत्रों में कोई विज्ञापन क्यों नहीं है? आप आम आदमी को कैसे बताएंगे? वे 50,000 रुपये का इंतजार कर रहे हैं। सभी समाचार पत्रों, दूरदर्शन और स्थानीय चैनलों में पूरी जानकारी के साथ विज्ञापन दिए जाने चाहिए।” महाराष्ट्र और गुजरात ने कोरोना से हुई मौतों पर मुआवजे के मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। अन्य राज्यों की तरफ से अभी तक हलफनामा दायर नहीं किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि महाराष्ट्र जहां कोरोना का कहर सबसे ज्यादा रहा है, वहां केवल 8 हजार लोगों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जबकि 87 हजार से अधिक आवेदन मिले हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से मुआवजा देने की प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया।