Nirmala Sitharaman in Rajya Sabha: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने राज्यसभा (Rajya Sabha) में बैंको (Bank) को लेकर एनपीए (NPA) के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 6 सालों में बैंकों का एनपीए इस बार सबसे कम है। वित्तमंत्री ने कहा कि मार्च 2022 में बैंकों का एनपीए 6 साल के निचले स्तर 5.9 प्रतिशत पर आ गया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी सरकार (Government) ने देश को मंदी से बचाया है।
हमने देश को मंदी से बचायाः Nirmala Sitharaman
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने आगे कहा कि कोविड महामारी (Covid Pendamic) के प्रभाव से निपटने के लिए सरकार के टारगेटेड अप्रोच ने देश को मंदी (Recession) के प्रभाव से सुरक्षित रखते हुए विकास की गति (Speed of Development) को बनाए रखा।
Nirmala Sitharaman ने दिया था 5 साल का आंकड़ा
इसके पहले मंगलवार (20 दिसंबर) को वित्तमंत्री ने बताया था कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पिछले पांच वित्तीय वर्षों के दौरान 4,80,111 करोड़ रुपये की ऋण वसूली की है, जिसमें राइट ऑफ किए गए ऋणों के 1,03,045 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। इसके पहले 14 दिसंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते पांच सालों के आंकड़े राज्यसभा में पेश किए थे। वित्तमंत्री ने बताया था कि पांच सालों के दौरान बैंकों में फंसे लोन को आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार बट्टे खाते में डाल दिया गया है।
जानिए क्या होता है NPA
NPA का पूरा नाम नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (Non-Performing Assets) होता है। NPA भारतीय बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के दिए वो लोन हैं जिनके ब्याज और मूलधन दोनों ही लंबे समय से नहीं चुकाए गए हों। ये समय 90 या 90 दिनों से अधिक का होता है। बैंकों को भी देश के अन्य व्यवसायों की तरह से लाभ चाहिए लेकिन एनपीए से बैंकों का लाभ घट जाता है। NPA या नॉन परफॉर्मिंग परिसंपत्तियां (Non-Performing Assets) भारत की बैंकिंग प्रणाली में होने वाली डिजायरेबल घटना नहीं है। यह कैंसर की तरह है जो भारत की बैंकिंग प्रणाली को प्रभावित कर रहा है।