कारोबार जगत की नामचीन हस्ती रतन टाटा के नाम से शायद ही कोई वाकिफ न हो। लेकिन क्या आपको मालूम है कि रतन टाटा एक समय में अमेरिका के लॉस एंजिल्स में बतौर आर्किटेक्ट काम कर रहे थे और वहीं बस जाना चाहते थे। पीटर केसी ने अपनी किताब ‘द स्टोरी ऑफ टाटा: 1868 से 2021’ में इस बात का जिक्र किया है कि किन हालात के चलते रतन टाटा को भारत लौटना पड़ा।
केसी ने किताब में लिखा है, ‘रतन अमेरिका में मिली आजादी को छोड़ना नहीं चाहते थे, लेकिन वह ठंडे इलाके से बाहर निकलना चाहते थे, जिसकी उन्हें ‘कभी आदत नहीं थी’। उन्होंने कसम खाई थी कि वह ‘फिर कभी इस तरह की ठंडी जगह में नहीं रहेंगे।’ उन्होंने अपना रिसर्च पूरा होते ही इथाका छोड़ दिया, लेकिन भारत लौटने के बजाय, वे लॉस एंजिल्स चले गए, जहां वे एक अपार्टमेंट में रहने लगे थे। उन्होंने लॉस एंजिल्स में नौकरी पाने की कोशिश की और आखिर में एक अमेरिकी आर्किटेक्ट के रूप में काम करने लगे। उनका भारत लौटने का कोई इरादा नहीं था। हालांकि, उनकी दादी गंभीर रूप से बीमार पड़ गईं और उन्होंने रतन को भारत बुलाया।’
किताब में बताया गया है कि अमेरिका में रहते हुए रतन टाटा की एक गर्लफ्रेंड भी थी लेकिन भारत लौटने के बाद वे उनके साथ अपने रिश्ते को जारी नहीं रख सके थे। किताब में लिखा है, ‘रतन ने अपनी जिंदगी में चार गर्लफ्रेंड होने की बात कही, जिनको लेकर वे सीरियस थे, और ‘एक बार तो उन्होंने सगाई भी कर ली थी, लेकिन शादी के कार्ड छपने से पहले ही सगाई टूट गई थी’। इसके बाद रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की।’
किताब में कहा गया है, ‘लॉस एंजिल्स से वापस भारत आने के बाद वे टाटा संगठन में काम करने के लिए तैयार हो गए। यह भावनात्मक रूप से प्रेरित निर्णयों में से एक था। जहाँ तक शादी से बचने की बात है, यह हो सकता है कि वे शर्मीले थे। रतन को अमेरिका छोड़ने और टाटा संगठन में करियर शुरू करने के लिए किस चीज ने प्रेरित किया था? यह निश्चित रूप से वह चीज तो नहीं थी जिसके लिए उन्होंने कॉर्नेल में ट्रेनिंग ली थी। न ही पैसा वजह थी।’
लेखक को रतन टाटा ने बताया, ‘यदि मेरे पास एक वैचारिक विकल्प होता, तो शायद मैं भारत के लोगों के उत्थान के लिए कुछ और करना चाहता। मेरी प्रबल इच्छा है कि मैं पैसा कमाना नहीं बल्कि ऐसी जगह पर खुशियां पैदा करना चाहता हूँ जहाँ खुशियां नहीं हैं।’