केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि अब तक देश में अनुक्रमण (जीनोम) किए गए 45000 नमूनों में से कोविड के डेल्टा प्लस स्वरूप के 51 मामले सामने आए और उनमें से सबसे अधिक 22 मामले महाराष्ट्र से हैं। इस बीच महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस स्वरूप से मौत होने का पहला मामला सामने आया है। असम में भी विषाणु के डेल्टा स्वरूप से संक्रमित एक मरीज की मौत हो गई। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

सरकार ने कहा कि तमिलनाडु में डेल्टा प्लस के नौ मामले सामने आए हैं जबकि मध्य प्रदेश में सात, केरल में तीन, पंजाब और गुजरात में दो-दो और आंध्र प्रदेश, ओड़ीशा, राजस्थान, जम्मू और कर्नाटक में एक-एक मामले सामने आए हैं। केंद्र सरकार ने कहा कि भारत में कोविड-19 के 90 फीसद मामले बी.1.617.2 (डेल्टा) स्वरूप के हैं। उसने कहा, ‘35 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के 174 जिलों में चिंताजनक कोविड स्वरूप के मामले पाए गए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और गुजरात में मिले हैं।’ सरकार ने कहा कि कोविड-19 के चिंताजनक स्वरूप के मामलों का अनुपात मई, 2021 के 10.31 फीसद से बढ़कर जून, 2021 में 51 फीसद हो गया। सरकार ने जोर दिया कि कोविड-19 के दोनों टीके -कोविशील्ड व कोवैक्सीन – सार्स-सीओवी-2 के अल्फा, बीटा, गामा व डेल्टा स्वरूपों के विरुद्ध प्रभावी हैं।

सरकार ने कहा कि भारत में कोविड की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है, अब भी 75 जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण की दर 10 फीसद से अधिक और 92 जिलों में 5-10 फीसद के बीच है।

उधर महाराष्ट्र में कोरोना विषाणु के डेल्टा प्लस स्वरूप से मौत होने का पहला मामला सामने आया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि रत्नागिरी के सिविल अस्पताल में एक बुजुर्ग महिला की इस बीमारी से मौत हो गई।
रत्नागिरी के अतिरिक्त जिलाधिकारी संजय शिंदे ने बताया कि महिला संगमेश्वर की रहने वाली थीं और उन्हें कुछ दिन पहले मुंबई से 330 किलोमीटर दूर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने कहा कि महिला की मौत की जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वह किसी अन्य गंभीर बीमारी से भी पीड़ित थीं।