पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतें आसमान पर पहुंचाने के बाद मोदी सरकार ने महंगाई की एक और मार दी है। रेलवे ने बगैर बताए तीन गुना तक रेल किराया बढ़ा दिया। हालांकि रेलवे इसे आंशिक वृद्धि बताकर लोगों के जख्मों पर मलहम लगाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसके इस कदम पर देश में कई जगहों पर लोगों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि सरकार के हालिया कदमों से उनकी कमर एक तरह से टूटने लगी है। रेलवे ने भी इस बारे में सफाई देते हुए कहा है कि केवल 1.5 फीसदी ट्रेनों का ही किराया बढ़ाया गया है और यह अनावश्यक यात्राओं को रोकने का प्रयास है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस वृद्धि पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ‘कोविड- आपदा आपकी, अवसर सरकार का। पेट्रोल-डीज़ल-गैस-ट्रेन किराया। मध्यवर्ग को बुरा फंसाया। लूट ने तोड़ी जुमलों की माया। ध्यान रहे कि कोविड संकट के बाद यात्री ट्रेनों के परिचालन में कटौती और इनमें क्षमता से कम लोगों के सफर करने के कारण रेलवे को सालाना करीब 5 हजार करोड़ के राजस्व का नुकसान झेलना पड़ रहा है।
कोविड- आपदा आपकी, अवसर सरकार का।
पेट्रोल-डीज़ल-गैस-ट्रेन किराया
मध्यवर्ग को बुरा फँसाया
लूट ने तोड़ी जुमलों की माया!#TrainFareLoot pic.twitter.com/RZU24qLLJh— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 23, 2021
गौरतलब है कि सोमवार से देश के कई हिस्सों में पैसेंजर ट्रेन शुरू की गई थीं। किराए में भी अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी से पहले दिन ही यात्री खीज उठे। कुछ स्थानों पर तो लोगों ने हंगामा भी काटा। इन ट्रेनों में वे लोग ज्यादा बैठते हैं, जो ड्यूटी के लिए आफिस जाते हैं। मध्यम वर्गीय और मजदूर तबका भी इनमें यात्रा करता है। लोगों का कहना है कि किराए में वृद्धि उनके घर का बजट चौपट कर देगी।
मध्यम और गरीब तबके के लिए रेलवे का यह कदम घातक है। यह वर्ग पहले ही लॉकडाउन के बाद से त्रस्त है। कोरोना संकट के बाद बहुत से लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा तो काम धंधा भी लगभग चौपट हो गया। लॉकडाउन के बाद गाड़ी जब पटरी पर आनी शुरू हुई तो पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान पर जा पहुंचे। रसोई गैस के दाम भी पिछले कुछ अर्से में दो सौ रुपए तक बढ़े हैं। इस तबके पर महंगाई की चौतरफा मार पड़ रही है।
सरकार की बात करें तो पेट्रोलियम मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि तेल के दामों में कमी करना उनके वश में नहीं है। वह अंतरराष्ट्रीय बाजार का हवाला देकर दाम कम करने में असमर्थता जता रहे हैं। रेलवे भी उनकी ही तर्ज पर किराया वृद्धि पर अपने तर्क दे रहा है। 11 माह बाद शुरू की गई पैसेंजर ट्रेन के किराए में दो से तीन गुना की वृद्धि को रेलवे आंशिक बता रहा है। हालांकि रेलवे ने कम दूरी की इन पैसेंजर ट्रेन को मेल का नाम दे दिया गया। इसी को आधार बनाकर किराया बढ़ाया गया। लेकिन इनमें मेल जैसी कोई सुविधा इनमें नहीं है। रेलवे ने किराया बढ़ाने के पीछे तर्क दिया गया है कि कोविड महामारी के चलते कम दूरी की ट्रेनों में ज्यादा लोग यात्रा न करें, इसके लिए ही उसने किराये में आंशिक वृद्धि की है।
रेलवे ने रखा अपना पक्ष
इस संबंध में रेवले ने भी अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि कुल ट्रेनों के लगभग 1.5 फीसदी से कम पैसेंजर ट्रेनों का ही किराया मेल/एक्सप्रेस अनारक्षित किराए के बराबर किया गया है। यह कुछ ही रेलवे जोन्स में लागू होगा। रेलवे का कहना है कि 96 ट्रेनों के किराए में वृद्धि की गई है और स्थिति की लगातार समीक्षा की जा रही है। रेलवे ने एक बयान में कहा कि यह फैसला इसलिए किया गया ताकि लोग अनावश्यक रूप से यात्रा करने से बचें। उदाहरण के तौर पर अमृतसर से पठानकोट का किराया अब 55 रुपये हो गया है जो कि पहले 25 रुपये था। इसी तरह जलंधर से फिरोजपुर के बीच चलने वाली पैसेंजर का किराया 30 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया है। बयान में कहा गया है कि कोरोना का खतरा अब भी बना हुआ है इसलिए रेलवे भीड़ को कम करने के लिए कदम उठा रहा है।