तीन केंद्रीय मंत्रियों और किसानों के बीच रविवार देर रात हुई चौथे दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही है, पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान अभी भी जमा हैं। किसान नेताओं ने विचार करने के बाद सरकार के प्रस्ताव पर कुछ जवाब देने की बात कही है।

देर रात खत्म हुई बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह काफी पॉज़िटिव बातचीत थी और रास्ता निकल जाएगा। केंद्र सरकार ने किसानों के सामने दालों, कपास और मक्का की फसलों के लिए विविधीकरण का प्रस्ताव पेश किया, मतलब- यह एक ऐसे समझौते का प्रस्ताव है, जिसके तहत सरकारी एजेंसियां किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पांच साल तक दालें, मक्का और कपास खरीदेंगी। किसानों ने कहा कि इसपर विचार-विमर्श किया जाएगा और जवाब दिया जाएगा।

‘हम दिल्ली जाएंगे’

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सकारात्मक बातचीत की बात कही लेकिन किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा है कि हमारा 21 फरवरी को सुबह 11 बजे दिल्ली की तरफ बढ़ने का कार्यक्रम अभी भी तय है। पंधेर ने कहा, “हम शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ेंगे, तब तक हम केंद्र सरकार के सामने अपनी बात रखने की कोशिश करते रहेंगे।” किसान नेताओं ने बैठक के बाद कहा था कि वह सरकार की बात विचार करेंगे लेकिन कुछ मांगों पर चर्चा ही नहीं हुई है।

सरकार ने क्या कहा?

किसान संगठनों और सरकार के बीच रात 8.40 बजे शुरू हुई चार घंटे से ज्यादा चली लंबी बैठक से बाहर निकलते हुए केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसान नेताओं ने बैठक में अलग-अलग चिंताएं उठाई हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “उन्होंने जल स्रोतों के सूखने के कारण पंजाब में बढ़ते पानी के संकट की ओर इशारा किया, हमने कई समाधान पेश किए हैं, जिससे किसानों को ज़्यादा से ज़्यादा मुनाफा मिल सके।”

पीयूष गोयल ने कहा कि एनसीसीएफ़ नेफ़ेड किसानों के तूर, उड़द, मसूर दाल या मक्का की फसलों पर एमएसपी के तहत खरीद को लेकर समझौता करेंगी, ऐसा प्रस्ताव पेश किया गया है।

पीयूष गोयल ने कहा कि पंजाब में किसानों ने मक्का उगाने में दिलचस्पी जाहिर की है लेकिन कीमतें एमएसपी से नीचे गिरने पर संभावित नुकसान के बारे में चिंता जताई है। हमने NAFED जैसी सहकारी समितियों को किसानों के साथ पांच साल के अनुबंध में शामिल करने के लिए एक समाधान प्रस्तावित किया है, जिससे बिना किसी मात्रा सीमा के एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि इसी तरह भारतीय कपास निगम भी एमएसपी पर उनका कपास खरीद सकता है।