अमेरिका में काम करने वालों के लिए खुशखबरी है, क्योंकि एच-1बी वीजा नियमों में सीमित प्रतिबंध लगने को लेकर यूएस सरकार के पास फिलहाल कोई योजना नहीं है। गुरुवार (20 जून, 2019) को यूएस के गृह मंत्रालय ने कहा कि ट्रंप सरकार के पास उन देशों के लिए एच-1बी वर्क वीजा देने पर सीमा तय करने को लेकर कोई योजना नहीं है, जो कि विदेशी कंपनियों पर डेटा जुटाने (स्थानीय स्तर पर) को लेकर दबाव बनाते हैं। दरअसल, ‘रॉयटर्स’ की रिपोर्ट में 19 जून को कहा गया था कि यूएस ने भारत से कहा है कि वह उन देशों के लोगों को एच-1बी वीजा देने पर सीमा तय करने के बारे में सोच रहा है, जो कि डेटा जुटाने की प्रक्रिया (लोकल लेवेल पर) को अनिवार्य मान रहे हैं।

समाचार एजेंसी की इसी खबर पर ट्रंप सरकार की एक प्रवक्ता ने कहा कि विदेशी कंपनियों को डेटा जुटाने के लिए जोर देने वाले देशों के लोगों के लिए एच-1बी वीजा पर सीमित प्रतिबंध लगाने को लेकर ट्रंप सरकार के पास किसी प्रकार की योजना नहीं है। वह यह भी बोलीं, “भारत के साथ जारी चर्चा (सरहद पार डेटा उपलब्ध होने के महत्व पर) से यह पूरी तरह से अलग है।”

इसी बीच, गुरुवार को भारत की तरफ से कहा गया कि एच-1बी वीजा को लेकर उसकी यूएस से बातचीत जारी है, पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक प्रेस वार्ता में बताया था, “अमेरिकी सरकार से हमें इस मसले (भारतीयों पर ऐसे परमिट पर सीमा तय करने के लिए) पर कुछ भी आधिकारिक चीजें सुनने को नहीं मिली हैं।”

उधर, सेक्रेट्री माइक पोम्पियो अगले हफ्ते भारत आने वाले हैं, जहां राजधानी दिल्ली में दोनों देशों के मुद्दों पर उनकी भारतीय समकक्षों के बातचीत होगी। वहीं, यह भी खबर सुनने को मिली थी कि यूएस भारतीयों को एच-1बी वीजा देने की सीमा 10 से 15 फीसदी तक सीमित करने पर विचार कर रहा है। जानकारी के मुताबिक, यूएस प्रतिवर्ष अन्य देशों के लगभग 85 हजार लोगों को वीजा देता है, जिसमें सबसे अधिक 70 फीसदी वीजा भारतीय हासिल करते हैं।

बता दें कि सरकार ने 2018 में नौकरी पर रखने वाली कंपनियों के लिए देश के नागरिकों से जुड़ी हर जानकारी और अहम डेटा को भारत में ही रखने के लिए जरूरी कर दिया था। ऐसे में ये जानकारियां विदेश में नहीं जा सकेंगी। हालांकि, कुछ यूएस कंपनियों ने इस पर विरोध भी जताया, क्योंकि उन्हें इसके लिए अतिरिक्त निवेश करना होगा।