गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का निधन हो गया है। वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। 63 वर्षीय पर्रिकर को डॉक्टरों ने रविवार (17 मार्च) की शाम मृत घोषित कर दिया। उससे पहले शाम में गोवा सीएमओ की तरफ से जानकारी दी गई थी कि उनकी तबियत काफी नाजुक बनी हुई है और डॉक्टर उन्हें बचाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं लेकिन रात आठ बजे के करीब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शोक जताते हुए उनके निधन की खबर की पुष्टि कर दी। बता दें कि पर्रिकर अग्नाशय की बीमारी से पीड़ित थे। पिछले कुछ महीनों में उन्हें कई मौकों पर नाक में पाइप लगाए हुए देखा गया था। हाल ही में उन्होंने इसी हालत में विधान सभा में बजट पेश किया था।
पर्रिकर के सम्मान में केंद्रीय मंत्रिमंडल बैठक कर कल सुबह 11 बजे शोक संवेदना प्रकट की जाएगी। वहीं, कांग्रेस ने फिर से राज्य में सरकार बनाने का दावा ठोका है।पर्रिकर के निधन के बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों अपने-अपने विधायकों के साथ अलग-अलग बैठकें कर रहे हैं। कांग्रेस ने फिर से सरकार बनाने का दावा ठोका है। सरकार बनाने के दावे के लिए कांग्रेस आज रात राजभवन का दौरा करने की संभावना है। कांग्रेस वर्तमान में 14 विधायकों वाली राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है।


मनोहर पर्रिकर के निधन पर राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। राष्ट्रीय शोक में आज तिरंगा झंडा आधा झुका रहेगा। वहीं गोवा में 7 दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। उनका अंतिम संस्कार 18 मार्च शाम 5 बजे एसएजी ग्राउंड कैम्पल में होगा। सुबह 9:30 बजे उनका पार्थिव शरीर बीजेपी दफ्तर में रखा जाएगा। सुबह 10 बजे पार्टी उन्हें श्रद्धांजलि देगी।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मनोहर पर्रिकर के निधन शोक प्रकट किया है। उन्होंने कहा, "मनोहर पर्रिकर जी अब हमारे बीच नहीं हैं। इससे न सिर्फ बीजेपी का बल्कि पूरे समाज का नुकसान हुआ है। सुरक्ष बलों के आधुनिकीकरण से लेकर पहली सर्जिकल स्ट्राइक तक, हर प्रशासनिक स्तर पर उन्होंने अच्छा का काम किया"
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मनोहर पर्रिकर के निधन शोक प्रकट किया है। उन्होंने कहा, 'मनोहर पर्रिकर जी अब हमारे बीच नहीं हैं। इससे न सिर्फ बीजेपी का बल्कि पूरे समाज का नुकसान हुआ है। सुरक्ष बलों के आधुनिकीकरण से लेकर पहले सर्जिकल स्ट्राइक तक, हर प्रशासनिक स्तर पर उन्होंने अच्छा काम किया'
मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद बीजेपी ने 18 मार्च को होने वाले अपने कई प्रोग्राम्स रद्द कर दिए हैं। कल होने वाली पार्टी की सीईसी बैठक भी रद्द कर दी गई है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी मनोहर पर्रिकर के निधन पर शोक जताया है।
मनोहर पर्रिकर के निधन पर गोवा सरकार ने 7 दिन के राजकीय शोक की घोषणा कर दी है। राजकीय शोक 18 से 24 मार्च तक रहेगा। इसके अलावा सभी सरकारी दफ्तर और शिक्षण संस्थान 18 मार्च को बंद रहेंगे।
मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों अपने-अपने विधायकों के साथ अलग-अलग बैठकें कर रहे हैं। कांग्रेस ने फिर से सरकार बनाने का दावा ठोका है। सरकार बनाने के दावे के लिए कांग्रेस आज रात राजभवन का दौरा करने की संभावना है। कांग्रेस वर्तमान में 14 विधायकों वाली राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया है, ‘‘गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन से शोकाकुल हूं। मेरी गहरी संवेदनाएं उनके परिजन के साथ हैं... ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।’’ कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया है, ‘‘गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन की सूचना से बहुत दुखी हूं। उनका स्वभाव मित्रवत था और सभी उनका सम्मान करते थे। मेरी संवेदनाएं उनके परिजन और मित्रों के साथ है।’’
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें ‘‘गोवा का चहेता बताया।’’ उन्होंने कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी लोग पर्रिकर का मान-सम्मान करते थे और बड़े साहस से वह एक साल तक बीमारी से लड़ते रहे। गांधी ने ट्वीट किया है, ‘‘गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन की सूचना से मैं बहुत दुखी हूं। वह एक साल तक पूरे साहस से अपनी बीमारी से लड़ते रहे। दलगत राजनीति से इतर सभी उनका मान-सम्मान करते थे और वह गोवा के सबसे लोकप्रिय बेटों में से एक थे। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजन के साथ हैं।’’
फरवरी, 2018 के बाद से मनोहर पर्रिकर की तबियत खराब रहने लगी। उन्हें तब अग्नाशय संबंधी बीमारी के उपचार के लिए मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया। वह मार्च के पहले सप्ताह में इलाज के लिए अमेरिका गए जहां वह जून तक अस्पताल में रहे। राज्य लौटने के बाद पर्रिकर ने फिर से काम करना आरंभ कर दिया और वह 12 दिवसीय विधानसभा सत्र में भी शामिल हुए। अगस्त के दूसरे सप्ताह में वह फिर से उपचार के लिए अमेरिका गए और कुछ दिनों बाद लौटे। वह फिर से अमेरिका गए और इस बार वहां से लौटने पर उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया। पिछले कुछ समय से वह अपने डाउना पौला के अपने निजी आवास तक ही सीमित थे और यहीं पर उन्होंने आज अंतिम सांस ली।
गोवा विधानसभा चुनाव में पार्टी के बहुमत हासिल नहीं कर पाने पर मनोहर पर्रिकर मार्च 2017 में राज्य लौटे और गोवा फॉरवर्ड पार्टी एवं एमजीपी जैसे दलों को गठबंधन सहयोगी बनाने में कामयाब रहे। राज्य में एक बार फिर उनकी सरकार बनी।
भाजपा की जीत की लय वर्ष 2014 में भी बनी रही जब पार्टी को आम चुनाव में दोनों लोकसभा सीटों पर विजय प्राप्त हुई। केंद्र में मोदी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण करने के बाद र्पिरकर को नवंबर 2014 में रक्षा मंत्री का पद दिया गया। वह 2017 तक केंद्रीय मंत्रिमंडल में रहे।
चार भाजपा विधायकों के 29 जनवरी, 2005 को सदन से इस्तीफा देने के बाद मनोहर पर्रिकर सरकार अल्पमत में आ गई। इसके बाद कांग्रेस के प्रताप सिंह राणे, पर्रिकर की जगह गोवा के मुख्यमंत्री बने। पर्रिकर नेतृत्व वाली भाजपा को 2007 में दिगम्बर कामत के नेतृत्व वाली कांग्रेस के हाथों हार का सामना करना पड़ा। बहरहाल, वर्ष 2012 राज्य में पर्रिकर की लोकप्रियता की लहर लेकर आया और उन्होंने अपनी पार्टी को विधानसभा में 40 में से 21 सीटों पर जीत दिलाई। वह फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने ।
आईआईटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद पर्रिकर 26 साल की उम्र में मापुसा में संघचालक बन गए। उन्होंने रक्षा मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना के सर्जिक हमले का श्रेय भी संघ की शिक्षा को दिया था। ऐसा माना जाता है कि राज्य के सबसे पुराने क्षेत्रीय राजनीतिक दल ‘महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी’ की बढ़त रोकने के लिए भाजपा ने पर्रिकर को राजनीति में खींचा। उन्होंने चुनावी राजनीति में 1994 में प्रवेश किया, जब उन्होंने पणजी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता। वह जून से नवंबर 1999 तक गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे और उन्हें तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार के खिलाफ उनके भाषणों के लिए जाना जाता था। वह पहली बार 24 अक्टूबर 2000 में गोवा के मुख्यमंत्री बने लेकिन उनका कार्यकाल केवल 27 फरवरी 2002 तक ही चला। इसके बाद पांच जून, 2002 को उन्हें फिर से चुना गया और उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में सेवाएं दीं।
एक मध्यमवर्गीय परिवार में 13 दिसंबर 1955 को जन्मे पर्रिकर ने संघ के प्रचारक के रूप में अपना राजनीतिक करियर आरंभ किया था। उन्होंने आईआईटी-बंबई से इंजीनियरिंग में स्रातक करने के बाद भी संघ के लिए काम जारी रखा। वह स्कूल के अंतिम दिनों में आरएसएस के ‘मुख्य शिक्षक’ बन गए थे। पर्रिकर ने संघ के साथ अपने जुड़ाव को लेकर कभी भी किसी तरह की परेशानी महसूस नहीं की । उनका संघ द्वारा आयोजित ‘‘संचालन’’ में लिया गया एक फोटोग्राफ इसकी पुष्टि करता है, जिसमें वह संघ के गणवेश और हाथ में लाठी लिए नजर आते हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक से देश के रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे मनोहर पर्रिकर की उनके तटीय गृह राज्य गोवा में छवि एक सीधे सादे, सामान्य व्यक्ति की रही है। 63 वर्षीय पर्रिकर चार बार गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में काम किया और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में रक्षा मंत्री के तौर पर तीन वर्ष सेवाएं दीं। भाजपा के सभी वर्गों के साथ ही विभिन्न पक्षों के बीच लोकप्रिय पर्रिकर ने लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रहे गोवा में भाजपा का प्रभाव बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई थी।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि सशस्त्र बलों को ताकतवर और आधुनिक बनाने में उनका योगदान अद्वितीय है। पर्रिकर को निष्कपट, ईमानदार और संवेदनशील राजनीतिक कार्यकर्ता बताते हुए सीतारमण ने कहा कि ‘‘मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है।’’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मनोहर पर्रिकर नहीं रहे। निष्कपट, ईमानदार और संवेदनशील राजनीतिक कार्यकर्ता । वह सरल और जमीन से जुड़े थे, मैंने र्पिरकर से बहुत कुछ सीखा है। रक्षा मंत्री के तौर पर सशस्त्र बलों को आधुनिक और ताकतवर बनाने में उनका योगदान अद्वितीय है।’’
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन पर शोक जताते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को कहा कि भारत ने एक सच्चा देशभक्त खो दिया जिसका पूरा जीवन राष्ट्र और सिद्धांतों को सर्मिपत था। शाह ने कहा कि पर्रिकर ने दिखाया कि कैसे भाजपा का एक कार्यकर्ता ‘‘उसके सबसे कठिन समय में भी, राष्ट्र सर्वप्रथम, फिर पार्टी और स्वयं को अंत में रखने के सिद्धांत पर अटल रहता है।’’ शाह ने ट्वीट किया है, ‘‘भाजपा के लाखों कार्यकर्ताओं और खास तौर से गोवा के लोगों के प्रति मैं संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। गोवा के लोग उनके परिवार जैसे थे। ईश्वर उनके परिवार को यह आघात सहन करने की शक्ति दे। ओम शांति शांति शांति।’’ शाह ने कहा, ‘‘मनोहर पर्रिकर का निधन बेहद दुखदायी है। उनके रूप में भारत ने एक सच्चा देशभक्त खोया है जिसने निस्वार्थ भाव से अपना पूरा जीवन देश और सिद्धांतों के हवाले कर दिया। जनता के प्रति पर्रिकर का समर्पण और उनका कर्तव्य अनुकरणीय है। भारत के रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।’’
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में वह ईमानदारी और समर्पण के मिसाल थे।
मनोहर पर्रिकर आईआईटी बॉम्बे से बीटेक और एमटेक कर सीएम बनने वाले देश के पहले शख्स थे। सीएम रहने के दौरान भी उनकी साधारण जीवन शैली चर्चा का विषय बनी रही। सीएम बनने के बाद भी पर्रिकर अपने पुश्तैनी साधारण घर में रहते थे। साधारण कपड़े पहनते थे। यहां पढ़ें पूरी खबर
अपने सफल राजनीतिक जीवन के दौरान भी पर्रिकर को अक्सर गोवा की सड़कों पर स्कूटर दौड़ाते देखा जाता था। हालांकि, एक इंटरव्यू में उन्होंने यह बात कबूल की थी कि अक्सर उनके दिमाग में कुछ न कुछ चलता रहता था, इस वजह से उन्होंने बाद में स्कूटर चलाना छोड़ दिया था। यहां पढ़ें पूरी खबर