आगामी विवादित फिल्म ‘‘पद्मावती’’ की अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने हैदराबाद में आयोजित हो रहे वैश्विक उद्यमिता शिखर सम्मेलन से अपना नाम वापस ले लिया है। यह सम्मेलन 28 से 30 नवंबर तक आयोजित होना है और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप शामिल होंगी। इतिहास से कथित छेड़छाड़ पर कुछ संगठनों की धमकी और विरोध के बाद दीपिका अभिनीत ‘पद्मावती’ के रिलीज को कल इसके निर्माताओं ने टाल दी थी। सम्मेलन की थीम ‘वीमन फर्स्ट, प्रोस्पेरिटी फार आल’ है और इसमें 28 नवंबर को इवांका ट्रंप अपने देश से एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगी। तेलंगाना सरकार में प्रधान सचिव, आईटी एवं उद्योग जयेश रंजन ने कहा, ‘‘ ‘हॉलीवुड टू नॉलीवुड टू बॉलीवुड’ पर पैनल चर्चा होनी है। इस सत्र में पहले दीपिका पादुकोण के आने की उम्मीद थी लेकिन अब उन्होंने इंकार कर दिया है। हम देखेंगे कि उनकी जगह कौन ले सकता है।’’ नॉलीवुड नाइजीरिया फिल्म उद्योग का लोकप्रिय नाम है। रंजन ने एक कार्यक्रम के इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘अन्य ने भी नाम वापस लिया है। उदाहरण के लिए, एम एस धोनी को एक सत्र में आना था। अब उन्होंने मना कर दिया है। लोग विभिन्न कारणों से इंकार कर रहे हैं। क्योंकि धोनी ने मना कर दिया है, अब हमें सानिया मिर्जा, गोपीचंद को लाना होगा।’’
कुछ हिंदू संगठन विशेष रूप से राजस्थान की करणी सेना इस फिल्म की रिलीज का बड़े पैमाने पर विरोध कर रही है। जबकि कुछ राजनीतिक गुटों ने गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर फिल्म की रिलीज को स्थगित करने की मांग की है। फिल्म ‘पद्मावती’ में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह प्रमुख भूमिकाओं में हैं। निर्माताओं द्वारा ‘पद्मावती’ की रिलीज स्थगित किए जाने के बाद सोमवार को तीन मुख्यमंत्री इस विवाद में कूद पड़े।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में फिल्म की रिलीज पर प्रतिबंध लगा दिया, जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राजपूत समुदाय की आपत्तियों का समर्थन किया। राजपूत समुदाय संजय लीला भंसाली की ऐतिहासिक फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ किए जाने का विरोध कर रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस विवाद को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को धवस्त करने की एक ‘सोची समझी योजना’ बताया।