राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के विदाई के मौके पर भाषण देते हुए प्रधानमंत्री भावुक हो गए थे। प्रधानमंत्री के भावुक होने के बाद से लोग गुलाम नबी आजाद के भाजपा में जाने की अटकलें लगा रहे थे। कांग्रेस नेता ने भाजपा में जाने के सवाल पर कहा कि जिस दिन कश्मीर में काली बर्फ होगी उस दिन भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाऊंगा। साथ ही उन्होंने कहा कि उस दिन मैं किसी भी अन्य पार्टी में शामिल हो जाऊंगा। इसके अलावा उन्होंने अपने भाषण में हिन्दुस्तानी मुसलमान शब्द बोलने का मतलब भी बताया।

हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में गुलाम नबी आजाद से जब पूछा गया कि ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि आप भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इस पर जवाब देते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं भाजपा में तब शामिल होऊंगा जब कश्मीर में काली बर्फ होगी। भाजपा ही क्यों उस दिन मैं किसी भी अन्य पार्टी में शामिल हो जाऊंगा। साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग ऐसा कहते हैं या ऐसी अफवाहों को फैलाते हैं दरअसल वे मुझे नहीं जानते हैं। इसके बाद उन्होंने राजमाता सिंधिया से जुड़ा एक किस्सा भी सुनाया। 

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब राजमाता सिंधिया विपक्ष की उपनेता थीं तो उन्होंने सदन में खड़े होकर मेरे बारे में कुछ आरोप लगाए। मैंने अपनी सीट से उठकर कहा कि मैं इन आरोप को बहुत गंभीरता से लेता हूं और सरकार की ओर से एक समिति का सुझाव देना चाहता हूँ जिसकी अध्यक्षता अटल बिहारी वाजपेयी करेंगे। साथ ही उस कमेटी में राजमाता सिंधिया और लालकृष्ण आडवाणी भी मौजूद रहेंगे । मैंने कहा कि समिति को 15 दिनों में रिपोर्ट पेश करनी चाहिए और उसके बाद वे जो भी सजा देंगे मैं उसे स्वीकार करूंगा। इसके बाद वाजपेयी जी अपना नाम सुनते ही मेरे पास आए और पूछने लगे ऐसा क्यों। बाद में जब मैंने पूरी बात बताई तो उन्होंने खड़े होकर कहा कि मैं सदन और गुलाम नबी आजाद से माफ़ी मांगना चाहता हूं। शायद राजमाता सिंधिया गुलाम नबी जी को नहीं जानती हैं लेकिन मैं जानता हूं।  

इसके अलावा गुलाम नबी आजाद ने अपने भाषण में हिन्दुस्तानी मुसलमान शब्द बोलने पर कहा कि मैंने एएमयू में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था कि देश में माहौल इतना उलझा हुआ है कि पहले जहाँ मुझे चुनाव में 99% हिंदू उम्मीदवार मुस्लिम वोट के लिए प्रचार करने को बुलाते थे तो वहीँ अब यह सिर्फ 40 % तक सिमट कर रह गया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मेरा यह सन्देश कार्यक्रम में आये पूर्ववर्ती छात्रों के लिए था कि वे संदेशवाहक बन उस भारत को वापस लाने का काम करें जिस भारत में मैंने 1979 का लोकसभा चुनाव महाराष्ट्र से लड़ा था और मेरे सामने जनता पार्टी का हिन्दू उम्मीदवार था। लेकिन मैं फिर भी जीत गया।