GBS (गुलियन बेरी सिंड्रोम) का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है। अभी देश के दो जगहों पर इससे संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है। वहीं देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई में इससे पीड़ित पहले मरीज की मौत हुई थी जबकि महाराष्ट्र में अब तक कुल 8 मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सिंड्रोम से संक्रमित 53 वर्षीय मरीज नायर अस्पताल में भर्ती हुई थी। जिसकी जीबीएस के चलते मौत हो गई।
बीते शुक्रवार को इससे जुड़ा हुआ पहला मामला सामने आया है। उस समय 64 साल की पीड़ित महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसको लेकर बीएमसी के अधिकारियों बताया कि मुंबई के अंधेरी पूर्व इलाके की महिला को भर्ती कराया गया था। महिला को बुखार और दस्त के साथ लकवाग्रस्त होने की शिकायत पर उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
जीबीएस कैसे करता है लोगों पर प्रभाव
जीबीएस तेजी से बढ़ती एक दुर्लभ बीमारी है। ये बीमारी सीधे तौर पर पीड़ित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर सीधा हमला करती है। जिसके बाद पीड़ित व्यक्ति के शरीर के अधिकांश हिस्से सुन्न पड़ने लगते हैं। साथ ही साथ मांसपेशियों में भी कमजोरी आने लगती है। सांस लेने और कुछ निगलने में भी परेशानी होने लगती है। ऐसे में जीबीएस के प्रभाव से मरीज लकवाग्रस्त हो सकता है।
जीबीएस से अभी तक कुल 8 लोगों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़ा और तेजी से बढ़ रहा है। पुणे के 37 वर्षीय वाहन चालक की जीबीएस के चलते हॉस्पिटल में भर्ती कराने के बाद मौत हो गई।