Belagavi CWC Meeting: कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में शामिल न होने पर सोनिया गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति को संदेश भेजा है। इसको लेकर कांग्रेस ने एक्स हैंडल पर सोनिया गांधी का संदेश साझा किया है।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी को लिखे अपने संदेश में सोनिया गांधी ने लिखा, ‘मुझे खेद है कि मैं इस ऐतिहासिक अवसर पर आप सभी के साथ उपस्थित नहीं हो पा रही हूं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 39वां अधिवेशन ठीक सौ वर्ष पहले इसी स्थान पर आयोजित किया गया था। इसलिए यह उचित ही है कि आप सभी महात्मा गांधी नगर में एकत्रित हों। महात्मा गांधी का यहां कांग्रेस अध्यक्ष बनना हमारी पार्टी और स्वतंत्रता आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था। यह हमारे देश के इतिहास में एक परिवर्तनकारी मील का पत्थर था।’
सोनिया गांधी ने संदेश में आगे कहा कि आज, हम महात्मा गांधी की विरासत को संरक्षित, सुरक्षित और बढ़ावा देने के लिए खुद को फिर से समर्पित करते हैं। वे हमारी प्रेरणा के मूल स्रोत रहे हैं और रहेंगे। उन्होंने ही उस पीढ़ी के हमारे सभी उल्लेखनीय नेताओं को गढ़ा और उनका मार्गदर्शन किया। उनकी विरासत को नई दिल्ली में सत्ता में बैठे लोगों और उन्हें पोषित करने वाली विचारधाराओं और संस्थानों से खतरा है। इन संगठनों ने कभी हमारी स्वतंत्रता के लिए लड़ाई नहीं लड़ी। उन्होंने महात्मा गांधी का कटु विरोध किया। उन्होंने एक खराब वातावरण बनाया जिसके कारण उनकी हत्या कर दी गई। वे उनके हत्यारों का महिमामंडन करते हैं।
गांधी ने आगे लिखा कि देश भर में विभिन्न स्थानों पर गांधीवादी संस्थाओं पर हमले हो रहे हैं। इसलिए यह भी उचित है कि इस बैठक को नव सत्याग्रह बैठक कहा जाए। अब हमारा यह पवित्र कर्तव्य है कि हम इन ताकतों का सामना अपनी पूरी ताकत और दृढ़ निश्चय के साथ करने के अपने संकल्प को नवीनीकृत करें।
उन्होंने कहा कि मित्रों, मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे संगठन को और मजबूत बनाने का मुद्दा भी आज उठेगा ताकि हम चुनौतियों का सामना कर सकें। हमारे संगठन का इतिहास इतना गौरवशाली है कि इसने बार-बार अपने लचीलापन का परिचय दिया है। आइए हम व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से इस बैठक से आगे बढ़ें और अपने संकल्प में दृढ़ रहें कि हम अपनी पार्टी के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना तत्परता और उद्देश्य की नई भावना के साथ करेंगे। मैं और आप सभी को 2025 और उसके बाद के लिए शुभकामनाएं देती हूं।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठख में मल्लिकार्जुन खड़गे क्या बोले?
बेलगावी में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आज कांग्रेस के इतिहास में बहुत सुनहरा दिन है। गांधीजी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के सौवें वर्ष पर बेलगांव में महात्मा गांधी नगर में ऐतिहासिक नव सत्याग्रह बैठक हो रही है। 100 साल पहले यहीं 26 दिसंबर 1924 को 3 बजे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी। इससे पहले मौलाना मुहम्मद अली कांग्रेस अध्यक्ष थे। इस मौके पर सेवादल के संस्थापक Dr. N S Hardikar को याद कर मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। यहीं से कांग्रेस के इतिहास में रोज सुबह राष्ट्रीय ध्वज समारोह पूर्वक फहराने और शाम को उतारने का सिलसिला आरंभ हुआ।
खड़गे ने कहा कि गांधीजी केवल एक बार एक साल के लिए ही कांग्रेस अध्यक्ष बने थे। लेकिन उन्होंने इसके बाद इतनी लंबी लकीर खींची कि उसकी बराबरी कर पाना किसी भी राजनेता के लिए संभव नहीं है । गांधीजी ने कांग्रेस के संविधान को नया रूप दिया। गांव, गरीब, किसानों औऱ मजदूरों के दिलों में कांग्रेस के लिए मजबूत आधार बनाया। कांग्रेस संगठन को रचनात्मक कामों से जोड़ा। छुआछूत औऱ भेदभाव के खिलाफ मुहिम को कांग्रेस के मुख्य एजेंडे में शामिल किया। आप सभी को गर्व होना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी के पास राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की विरासत है। हम लोग उनके उत्तराधिकारी है। साथियों, उन दिनों कोहाट और गुलबर्गा जैसे शहरों में हो रहे सांप्रदायिक दंगों से आहत होकर उन्होंने चिंता व्यक्त की थी, और कहा था, “When quarrels become a normal thing of life, it is called civil war and parties must fight it out themselves”. मोतीलाल नेहरू जी ने दंगों की निंदा करते हुए Resolution move किया था। गुलबर्गा, जहाँ से मैं आता हूँ वहाँ दंगों से प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना ज़ाहिर की गयी थी।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बहुत अफ़सोस की बात है कि 100 साल बाद भी आज का सत्ताधारी दल और उनके नेता खुलेआम भड़काऊ नारे देते हैं और उनके बड़े नेता ही समाज में सदभाव बिगाड़ रहे हैं, समुदायों के बीच नफ़रत फैला रहे हैं। लोगों को लड़ाने का काम कर रहे हैं। महात्मा गांधी ने यहीं से कांग्रेस पार्टी में विभिन्न मत के लोगों के होने के बावजूद, एकता- Unity के महत्व का संदेश देते हुए कहा था कि “जब तक जगत में मस्तिष्क अलग है, तब तक मत भी अलग होगा। लेकिन हम हरेक को ह्रदय से लगाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि बेलगांव अधिवेशन की एक और खास बात ये थी कि पहली बार महात्मा गाँधी ने छुआछूत (untouchability) के ख़िलाफ़ एक देशव्यापी अभियान की शुरुआत की। इसे कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यक्रम का हिस्सा बनाया। उन्होंने कहा कि अस्पृश्यता स्वराज की राह की सबसे बड़ी बाधाओं में है। जितना जल्दी हम यह काम करें हमारे हित में है। 1925 में गांधीजी केरल जाकर Viacom सत्याग्रहियों से मिले और उनकी मांग का समर्थन किया था ।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पिछले 140 वर्षों की यात्रा में पार्टी ने बहुत उतार चढाव देखे। पर कांग्रेस आज भी गांधीजी के विचारों की रोशनी में उनके सिद्धांतों को समर्पित और उसूलों पर कायम है। कर्नाटक मेरा गृह राज्य है। यहीं से मेरी लंबी राजनीतक यात्रा का आरंभ हुआ। आज मुझे बहुत गर्व होता है कि 100 साल पहले महात्मा गांधी ने जिस महान दायित्व को संभाला था उसकी स्मृतियों में कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में मुझे शामिल होने का मौका मिला है। आज हम जब 100 वर्ष पुराने ऐतिहासिक क्षण को पुनर्जीवित कर रहे हैं तो कर्नाटक में गांधीजी के विचारों की सरकार चल रही है। संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों को आगे बढाते हुए महात्मा बसेश्वर, महात्मा फुले औऱ बाबा साहेब डॉ अंबेडकर जैसे महापुरुषों के दिखाए विचारों पर आगे बढ़ रही है।
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