दिल्ली में रविवार को G-20 Summit का समापन हुआ। इस दौरान तमाम देशों के राष्ट्राध्यक्ष दिल्ली पहुंचे थे। वहीं, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने रविवार को जी20 सदस्यों की नई दिल्ली घोषणा की सराहना करते हुए कहा कि यह निस्संदेह भारत के लिए एक कूटनीतिक जीत थी। थरूर ने नई दिल्ली घोषणा पर सभी सदस्य देशों को आम सहमति पर लाने के लिए भारत की सराहना की।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के साथ इंटरव्यू में थरूर ने कहा, “दिल्ली घोषणा निस्संदेह भारत के लिए एक कूटनीतिक जीत है। यह एक अच्छी उपलब्धि है। जब तक जी20 शिखर सम्मेलन आयोजित नहीं किया गया था, तब तक पूरी उम्मीद थी कि कोई समझौता नहीं होगा और इसलिए एक संयुक्त घोषणा संभव नहीं हो सकती है।”
शशि थरूर ने की सरकार की तारीफ
बयान पर सर्वसम्मति की कमी का मुख्य कारण उन लोगों के बीच बड़ी खाई थी जो यूक्रेन में रूसी युद्ध की निंदा करना चाहते थे और उस विषय का कोई उल्लेख नहीं करना चाहते थे। थरूर ने कहा कि भारत उस अंतर को पाटने का फॉर्मूला ढूंढने में सक्षम रहा और यह एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक उपलब्धि है क्योंकि जब बिना संयुक्त विज्ञप्ति के कोई शिखर सम्मेलन होता है, तो इसे हमेशा अध्यक्ष की कमी के रूप में देखा जाता है।
G-20 को राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम बना दिया
भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन पर थरूर ने कहा कि सरकार ने वास्तव में इसे ‘पीपुल्स जी20’ बना दिया है। साथ ही यह भी कहा कि यह सत्तारूढ़ दल (भाजपा) द्वारा विश्व नेताओं के विशाल सम्मेलन को अपने लिए फायदे में बदलने का एक प्रयास था। थरूर ने कहा, “सम्मेलन की अध्यक्षता पर सरकार की जो बातें उल्लेखनीय थीं, वह यह थी कि उन्होंने कुछ ऐसा किया जो पिछले किसी भी G20 अध्यक्ष ने नहीं किया था। उन्होंने वास्तव में इसे एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम बना दिया। “
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, 58 शहरों में 200 बैठकें कीं, उन्होंने G20 को एक प्रकार के लोगों के जी20 में बदल दिया। सार्वजनिक कार्यक्रमों के साथ, यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम, सिविल सोसायटी, ये सभी चीजें हमारी अध्यक्षता में हुईं। यह कुछ मायनों में जी20 के संदेश को संपूर्ण लोगों तक पहुंचाने का श्रेय भारत को भी है। लेकिन यह सत्तारूढ़ दल द्वारा जी20 को एक ऐसी चीज के रूप में साधने का भी प्रयास था जो उनके लिए एक संपत्ति बन जाए।”
शशि थरूर ने कहा कि उन्हें ऐसा करने का पूरा अधिकार है, वे सत्ताधारी पार्टी हैं। उन्होंने कहा, “कई देशों ने G20 कार्यक्रम की मेजबानी की है, लेकिन कभी भी किसी सत्तारूढ़ दल ने अपने नेतृत्व का इस तरह से जश्न नहीं मनाया। पूरी विश्वगुरु अवधारणा, दिल्ली में हर 50 मीटर पर मोदी के पोस्टर। ये सभी जी20 का विज्ञापन इस तरह कर रहे हैं जैसे कि यह श्री मोदी और भाजपा सरकार की व्यक्तिगत उपलब्धि हो और मुझे लगता है कि इसने कुछ लोगों की भौंहें चढ़ा दी हैं।”