Allahabad High Court News: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय सेना के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की। जस्टिस विद्यार्थी की एकल बेंच ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार में किसी व्यक्ति या भारतीय सेना के लिए अपमानजनक बयान देने की स्वतंत्रता शामिल नहीं है।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस विद्यार्थी की बेंच ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं है कि भारत के संविधान का अनुच्छेद 19(1)(ए) भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है, यह स्वतंत्रता कुछ प्रतिबंधों के अधीन है और इसमें ऐसे बयान देने की स्वतंत्रता शामिल नहीं है जो किसी व्यक्ति या भारतीय सेना के लिए अपमानजनक हो।’ गुरुवार को सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी थी।

फ्रीडम फाइटर्स को ऐसे ट्रीट करते हैं?

क्या है पूरा मामला?

बीआरओ के पूर्व डायरेक्टर उदय शंकर श्रीवास्तव ने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और लखनऊ की एक कोर्ट में मानहानि की शिकायत में कहा गया कि भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच 9 दिसंबर 2022 को होने वाली झड़प के संबंध में 16 दिसंबर 2022 को गांधी की टिप्पणी भारतीय सेना के लिए अपमानजनक थी। गांधी ने कहा था कि ‘चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सेना के जवानों की पिटाई कर रहे हैं और भारत का मीडिया इस संबंध में कोई भी सवाल नहीं पूछेगा।’

राहुल गांधी के वकील ने क्या दलील दी थी?

राहुल गांधी के वकील प्रांशु अग्रवाल ने दलील दी थी कि शिकायत को पढ़ने से ही आरोप मनगढ़ंत लगते हैं। यह भी दलील दी गई थी कि गांधी लखनऊ के रहने वाले नहीं हैं, इसलिए उन्हें इस शिकायत पर तलब करने से पहले निचली अदालत को आरोपों की सत्यता की जांच करनी चाहिए थी और उन्हें तभी तलब किया जाना चाहिए था जब आरोप प्रथम दृष्टया सुनवाई के लिए सही पाए जाते। बता दें कि इस साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह को हत्या का आरोपी कहने के लिए गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। सावरकर मानहानि मामले में राहुल गांधी का दावा