Lok Sabha Chunav Exit Poll: लोकसभा चुनाव सात फेज की वोटिंग के बाद खत्म हुआ। अब सभी की निगाहें नतीजों पर हैं, जो 4 जून को आने वाले हैं। नतीजों से पहले एग्जिट पोल सामने आ चुके हैं, जो बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की भारी भरकम जीत की संभावना बता रहे हैं। एनडीटीवी के पोल ऑफ पोल्स के मुताबिक इस बार एनडीए को 365 सीटें मिलने की उम्मीद है। वहीं, इंडिया अलायंस के खाते में 146 सीटें ही आने की उम्मीद है। एक बार फिर से इंडिया अलांयस कामयाब होता हुआ नहीं दिख रहा है।

एग्जिट पोल के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए खुशखबरी छिपी हुई है। बता दें कि कई ऐसे राज्य हैं, जहां पर कांग्रेस पिछली बार से बेहतर परफॉर्मेंस करती हुई नजर आ रही है। इनमें सबसे ज्यादा उत्तर भारत के राज्य हैं।

उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी और कांग्रेस को फायदा

रायबरेली में राहुल गांधी का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के दिनेश प्रताप सिंह से है। POLSTRAT और PEOPLE’S INSIGHT के एग्जिट पोल की मानें तो राहुल गांधी के लिए रायबरेली से जीत हासिल करना ज्यादा कठिन नहीं होने वाला है। राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की इस लोकसभा सीट से चुनाव जीतते हुए नजर आ रहे हैं। कांग्रेस नेता यहां पर बड़े अंतर से जीत हासिल कर सकते हैं। वहीं, अब अगर बात पूरे उत्तर प्रदेश की करें तो यहां पर कांग्रेस पार्टी को फायदा होता हुआ ही नजर आ रहा है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को 12 सीटें मिलने का अनुमान है।

एग्जिट पोल में सबसे ज्यादा नुकसान अगर किसी पार्टी को होता हुआ दिख रहा है तो वह बहुजन समाज पार्टी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा और सपा ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और तब उस समय 10 सीटें मिली थी। इस बार बसपा अकेले ही मैदान में उतरी। अब एग्जिट पोल्स के नतीजों में बसपा शून्य पर ही सिमट कर रह गई है। बसपा को अलायंस में शामिल नहीं होने की वजह से भारी नुकसान होता हुआ दिख रहा है।

बिहार में भी इंडिया अलांयस को फायदा

बिहार में साल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में एनडीए ने 40 में से 39 सीटें जीतकर अपनी झोली में डाली थीं। महागठबंध को केवल एक ही सीट से संतोष करना पड़ा था। वह कांग्रेस की ही खाते में आई थी। लालू प्रसाद यादव की आरजेडी का प्रदर्शन काफी खराब रहा था। वह शून्य पर ही सिमट कर रह गई थी। एनडीटीवी के एग्जिट पोल्स ऑफ पोल्स के मुताबिक, बीजेपी को इस बार करीब 33 सीटें मिलने की उम्मीद है। वहीं, अब बात अगर इंडिया अलायंस की करें तो इस बार पार्टी को 6 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, एक सीट किसी अन्य के खाते में जाएगी। यानी कि महागठबंधन को कहीं ना कहीं लाभ मिलता हुआ नजर आ रहा है। वहीं, महागठबंधन का कहना है कि वह काफी अच्छा प्रदर्शन करने जा रहे हैं।

राजस्थान में भी इंडिया अलायंस को लाभ

कांग्रेस बिहार और यूपी तक ही सीमित होकर नहीं रह रही है बल्कि उसको राजस्थान में भी बढ़त हासिल होती हुई नजर आ रही है। 2019 के लोकसभा इलेक्शन में बीजेपी ने 25 की 25 सीटों पर कब्जा जमाया था और क्लिन स्वीप किया था। लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी को राजस्थान में 3 से 6 सीटों का नुकसान होता हुआ दिख रहा है। वहीं, इंडिया अलायंस को 5 से 7 सीटें मिल सकती हैं। एनडीटीवी के पोल ऑफ पोल्स के अनुसार बीजेपी को 21 और इंडिया को 4 सीटें मिलने की उम्मीद है।

हरियाणा में भी क्लीन स्वीप नहीं कर पाएगी बीजेपी

हरियाणा में पिछली बार बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया था। बीजेपी ने 10 में से 10 सीटें अपनी नाम की थी, लेकिन इस बार समीकरण कुछ बदलते हुए नजर आ रहे हैं। किसानों का आंदोलन, जाट आरक्षण जैसे मुद्दे पिछले कुछ सालों में काफी सुनाई दिए हैं। इन सबका असर चुनाव के नतीजों पर भी पड़ने का अनुमान है। एनडीटीवी के पोल्स ऑफ पोल्स के मुताबिक, इस बार भारतीय जनता पार्टी को 3 सीटों का घाटा होने की संभावना है। हरियाणा में इस बार बीजेपी को 7 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, इंडिया गठबंधन के खाते में तीन सीटें जाने का अनुमान है।