उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद बीते मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने उत्तरप्रदेश की योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने अपनी नई राजनीतिक पारी का ऐलान नहीं किया है लेकिन वे भाजपा और आरएसएस पर हमलावर हो गए हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा कि नाग रूपी आरएसएस एवं सांप रूपी भाजपा को स्वामी रूपी नेवला यूपी से खत्म करके ही दम लेगा।

करीब पांच साल तक बीजेपी में रहने के बाद मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा दिया। इस्तीफा देने के बाद उनके खिलाफ एक अरेस्ट वारंट जारी किया गया है। सुलतानपुर के एमपीएमएलए कोर्ट ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ वारंट जारी किया है। उनपर हिंदू देवी देवताओं को लेकर टिप्पणी करने और धार्मिक भावना भड़काने का आरोप है। अदालत ने मौर्य को 24 जनवरी को पेश होने के लिए कहा है।

स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफा देने के बाद अबतक उनके कई समर्थक विधायकों ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। मंगलवार को मौर्य के इस्तीफा देने के बाद भाजपा विधायक ब्रजेश प्रजापति, विधायक भगवती सागर, विधायक रौशन लाल ने इस्तीफा दिया। वहीं गुरुवार को मंत्री धर्म सिंह सैनी, विधायक विनय शाक्य, विधायक बाला अवस्थी और विधायक मुकेश वर्मा ने इस्तीफा दिया। बुधवार को योगी सरकार में मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी इस्तीफा दे दिया।

मूल रूप से उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ के रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले तीन दशकों से उत्तरप्रदेश की राजनीति में सक्रिय है। ओबीसी समुदाय और ख़ास तौर पर कुशवाहा समुदाय में उनकी अच्छी खासी पहुंच है। मौर्य ने 1996 में पहली बार बसपा के टिकट पर रायबरेली की डलमऊ सीट से विधानसभा चुनाव जीता था। इसके बाद वे 2007 का चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार से हार गए लेकिन मायावती ने उन्हें अपनी सरकार में मंत्री बनाया।

साल 2012 में स्वामी प्रसाद मौर्य फिर से चुनाव जीते लेकिन बसपा के टिकट पर ही चुनाव लड़ रहे उनके बेटे उत्कृष्ट मौर्य और बेटी संघमित्रा मौर्य चुनाव हार गए। हालांकि 2016 के अंत में उन्होंने मायावती से मतभेद होने के कारण बसपा छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गए। साल 2017 में उन्होंने पडरौना सीट से विधानसभा का चुनाव जीता और योगी सरकार में मंत्री बनाए गए। साल 2019 में उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य को बदायूं से लोकसभा का चुनाव लड़ाया गया और उन्होंने सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को चुनाव हराया।