कांग्रेस ने गुरुवार (12 मई 2022) को वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री के वी थॉमस को पार्टी से बर्खास्त कर दिया। हाल ही में उन्होंने एर्नाकुलम में माकपा के चुनाव सम्मेलन में भाग लिया था। अप्रैल में कन्नूर में सीपीआई (एम) पार्टी कांग्रेस में भाग लेने के बाद उन्हें केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की राजनीतिक मामलों की समिति और कार्यकारी समिति से हटा दिया गया था। के वी थॉमस ने हाल ही में ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के साथ बातचीत के दौरान उन्हें पार्टी से हटाने और उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में बात की।

‘चिंतन शिविर’ से पहले कांग्रेस से बर्खास्तगी के सवाल का जवाब देते हुए के वी थॉमस ने कहा कि चिंतन शिविर केवल कुछ नेताओं, उनके वफादारों और करीबियों की बैठक है। ये वो लोग हैं जो दिल्ली में एआईसीसी मुख्यालय में नियमित रूप से मिलते हैं। इस चिंतन शिविर में बस इतना ही है। कांग्रेस में लोकतंत्र नहीं है। कई वरिष्ठ नेताओं को कार्यक्रम से बाहर कर दिया गया है।

पार्टी नेतृत्व से कोई चर्चा नहीं: पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए कोई सुझाव देने के सवाल पर वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने मेरे साथ किसी भी मामले पर चर्चा नहीं की है। पार्टी का कार्यकर्ताओं से कोई संबंध नहीं है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी सिर्फ उन्हीं नेताओं से मिलते हैं जो हर दिन उनके साथ हैं। पार्टी सुधारों की मांग करने वाले हर व्यक्ति की उपेक्षा कर रही है। के वी थॉमस ने बताया, “मैं 2018 से राहुल से नहीं मिला हूं। हाल ही में, मैंने कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल से कहा कि मैं राहुल गांधी से बात कर गलतफहमी को दूर करना चाहता हूं। पर कोई फायदा नहीं हुआ।

कांग्रेस मेरे लिए एक जुनून: अनुशासनात्मक कार्रवाई के बाद भी कांग्रेस के साथ होने का दावा करते हुए के वी थॉमस ने कहा कि कांग्रेस के साथ होने का मतलब सिर्फ 5 रुपए की सदस्यता नहीं है। कांग्रेस मेरे लिए एक जुनून के साथ-साथ एक संस्कृति भी है। मुझे पता है कि कांग्रेस की भावनाओं को कैसे संभालना है। मुझे बहुत सारे सामाजिक कार्य करने हैं।

किसी पार्टी में नहीं होंगे शामिल: आने वाले उपचुनाव में माकपा के साथ जुड़ने के सवाल पर वरिष्ठ नेता ने कहा, “मेरी किसी पार्टी में शामिल होने की कोई योजना नहीं है। सक्रिय राजनीतिक जीवन केवल झंडे पकड़ना और नारे लगाना नहीं है। मेरी विधानसभा क्षेत्र के लोग कांग्रेस से मेरी बर्खास्तगी का नतीजा तय करेंगे। लोगों को फैसला करने दीजिए।”