यौन शोषण केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद बुधवार को यूपी की शाहजहांपुर जेल से रिहा कर दिए गए। 72 वर्षीय चिन्मयानंद कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद जिला कारागार से बाहर निकले। यह जानकारी समाचार एजेंसी PTI को जेल सुप्रीटेंडेंट राकेश कुमार ने दी।
दरअसल, लॉ छात्रा के साथ दुराचार के मामले में उन्हें दो दिन पहले जमानत मिली थी। हालांकि, जमानत से जुड़े कागजात जेल वक्त पर न पहुंच पाने के चलते तब उन्हें रिहा नहीं किया गया था।
जमानत देने के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसके अलावा चिन्मयानंद के ट्रायल को शाहजहांपुर से सूबे की राजधानी लखनऊ ट्रांसफर कर दिया था। चिन्मयानंद 30 सितंबर, 2019 से जेल में थे। स्थानीय अदालत में निजी मुचलका दो सिक्योरिटी देने के बाद उन्हें रिहा किया गया है।
दरअसल, 23 साल वर्षीय छात्रा ने उन पर यौन शोषण और ब्लैकमेल करने के आरोप लगाए हैं। चिन्मयानंद इसी के बाद अरेस्ट कर लिए गए थे, जबकि मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) कर रही है।
गिरफ्तारी के चंद दिनों बाद BJP ने बयान जारी किया कि चिन्मयानंद अब पार्टी का हिस्सा नहीं हैं। इससे पहले, छह नवंबर को एसआईटी ने मामले की चार्जशीट सौंपी थी।
बता दें कि पीड़िता उसी लॉ कॉलेज की छात्रा है, जिसका संचालन शाहजहांपुर में चिन्मयानंद संभालते हैं। पिछले साल दिसंबर में इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत मिलने से पहले उसे उगाही के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया था।
कौन हैं चिन्मयानंद?: पूर्व केंद्रीय मंत्री का असल नाम कृष्ण पाल सिंह है, जो कि मूलतः यूपी के गोंडा जिले से ताल्लुक रखते हैं। तीन बार जौनपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं। वह इसके अलावा स्वामी सुखदेवानंद पीजी कॉलेज की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भी हैं। यही नहीं, वह शाहजहांपुर में मुमुक्षु आश्रम भी चलाते हैं।

