ल्ली में सरदार पटेल विद्यालय के पूर्व छात्रों ने गृहमंत्री अमित शाह की यात्रा का विरोध किया है। दरअसल सरदार वल्लभभाई पटेल की 147वीं जयंती मनाने के लिए सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री विद्यालय में आने वाले हैं। विद्यालय के 237 पूर्व छात्रों ने विद्यालय प्रबंधन को एक ईमेल लिखा है, जिसमें उन्होंने अमित शाह की यात्रा का विरोध किया है।
विद्यालय की प्रिंसिपल अनुराधा जोशी और लुटियंस दिल्ली संस्थान को चलाने वाली गुजरात एजुकेशन सोसाइटी को एक ईमेल में 237 पूर्व छात्रों ने लिखा, “विशेष रूप से ध्रुवीकरण के मौजूदा माहौल में अमित शाह जैसे राजनीतिक व्यक्ति को आमंत्रित करने से स्कूल का लोकाचार, जो संविधान और बहुलवाद के लिए खड़ा है, वह आलोचना के प्रति संवेदनशील हो जाएगा और कमजोर हो जाएगा। देश में फैल रही नफरत और हिंसा का यह मौजूदा माहौल संवैधानिक मूल्यों की घोर अवहेलना के लिए जिम्मेदार है।”
छात्रों ने लिखा, “हम एक ऐसे स्कूल में हैं जो सवाल पूछने, असहमति के लोकतांत्रिक आदर्शों, तर्क-वितर्क और बहस को प्रोत्साहित करता है। हम इस ईमेल को इस गर्मजोशी के स्थान और लोकतंत्र के प्रति अटूट प्रतिबद्धता से लिखते हैं, जो स्कूल ने हमें प्रदान किया है।आरएसएस का राजनीतिक मोर्चा और भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के रूप में अमित शाह सरदार वल्लभभाई पटेल के आदर्शों के विरोध में खड़े हैं।”
पूर्व छात्रों ने पटेल के आरएसएस पर प्रतिबंध वाले फैसले का भी उल्लेख किया। छात्रों ने लिखा, “हाल के वर्षों में भाजपा द्वारा पटेल को उपयुक्त बनाने के प्रयासों के बावजूद यह याद रखना समझदारी होगी कि उन्होंने 1948 में जब वे गृह मंत्री थे, तब उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था। 4 फरवरी 1948 को जारी एक विज्ञप्ति में भारत सरकार ने कहा था कि संगठन को हमारे देश में नफरत और हिंसा की ताकतों को बढ़ाने और राष्ट्र की स्वतंत्रता को खतरे में डालने पर सरकार प्रतिबंध लगा रही है।” बता दें कि पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
पूर्व छात्रों ने लिखा कि भारत सरकार ने यह भी कहा था कि संघ के सदस्यों द्वारा अवांछित और खतरनाक गतिविधियों को अंजाम दिया गया है और आरएसएस के कई सदस्य हिंसा के कृत्यों में लिप्त हैं।