भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने सोमवार को कहा कि 2029 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की स्थिति में भी भारत एक गरीब देश बना रह सकता है, लिहाजा इस बात पर खुशी मनाने का कोई कारण नहीं है। सुब्बाराव ने यहां एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सऊदी अरब का हवाला दिया और कहा कि अमीर देश बनने का मतलब विकसित राष्ट्र बनना नहीं है।

आरबीआइ के पूर्व गवर्नर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का जिक्र किया। उन्होंने कई मौकों पर कहा है कि अगर वह सत्ता में वापस आते हैं, तो भारत उनके तीसरे कार्यकाल में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। उन्होंने कहा कि कई अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि देश अमेरिका और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

सुब्बाराव ने कहा, ‘मेरे विचार में यह संभव है (भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन रहा है), लेकिन यह कोई उत्सव मनाने की बात नहीं है। क्यों? हम एक बड़ी अर्थव्यवस्था हैं क्योंकि हम 1.40 अरब लोग हैं। और लोग उत्पादन का एक कारक हैं। हम एक बड़ी अर्थव्यवस्था हैं क्योंकि हमारे पास लोग हैं। लेकिन हम अब भी एक गरीब देश हैं।’ उन्होंने कहा कि कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसकी अर्थव्यवस्था 4,000 अरब डालर की है।

सुब्बाराव ने कहा कि भारत 2,600 अमेरिकी डालर की प्रति व्यक्ति आय के साथ इस मामले में 139वें स्थान पर है और ब्रिक्स और जी-20 देशों में सबसे गरीब है। उन्होंने कहा कि इसीलिए आगे बढ़ने का एजंडा बिल्कुल साफ है।