जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को केंद्र सरकार ने पासपोर्ट देने से इनकार कर दिया गया है। मुफ्ती को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद एक साल से अधिक समय तक नजरबंद रखा गया था। इस समय मुफ्ती पर मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में जांच की जा रही है।
महबूबा मुफ्ती ने आज ट्वीट किया कि पासपोर्ट कार्यालय ने जम्मू-कश्मीर की सीआईडी की एक रिपोर्ट का हवाला दिया है, जिसके आधार पर पासपोर्ट देने से से इनकार कर दिया गया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘पासपोर्ट कार्यालय ने सीआईडी की रिपोर्ट के आधार पर मेरे पासपोर्ट को ‘भारत की सुरक्षा के लिए खतरनाक बताते हुए जारी करने से इनकार कर दिया है। यह कश्मीर में सामान्य स्थिति का स्तर है जो अगस्त 2019 से हासिल हुई है कि एक पूर्व मुख्यमंत्री को पासपोर्ट देना देश की संप्रभुता के लिए खतरा है।’
पासपोर्ट अधिकारियों के पत्र में लिखा है कि उनका आवेदन पिछले साल दिसंबर में पुलिस सत्यापन के लिए भेजा गया था, लेकिन एक नकारात्मक रिपोर्ट मिली थी। बता दें कि महबूबा मुफ्ती को पिछले साल अक्टूबर में रिहा किया गया था।
Passport Office refused to issue my passport based on CID’s report citing it as ‘detrimental to the security of India. This is the level of normalcy achieved in Kashmir since Aug 2019 that an ex Chief Minister holding a passport is a threat to the sovereignty of a mighty nation. pic.twitter.com/3Z2CfDgmJy
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) March 29, 2021
इस समय प्रवर्तन निदेशालय महबूबा मुफ्ती से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले के संबंध में जांच कर रहा है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार असहमतिपूर्ण विचार रखने के चलते मुफ्ती को निशाना बना रही है। मुफ्ती ने आरोप लगया है कि मोदी सरकार राष्ट्रीय जांच एजेंसी,केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
पिछले हफ्ते ईडी द्वारा पांच घंटे तक पूछताछ किए जाने के बाद, मुफ्ती ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार विरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति पर देशद्रोह या मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप लगा रही है।
उन्होंने कहा, ‘इस देश में असहमति का अपराधीकरण किया जा रहा है। ईडी, सीबीआई और एनआईए का दुरुपयोग विपक्ष को चुप कराने के लिए किया जा रहा है।’